कतर पर हमला किया तो... पहले नेतन्याहू से मंगवाई माफी, फिर ट्रंप ने दी चेतावनी, बोले- दोहा के खिलाफ हमला नहीं सहेंगे
Trump executive order : इजरायल द्वारा दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं. आदेश में कहा गया है कि कतर पर हमला अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा माना जाएगा और आवश्यक होने पर सैन्य कार्रवाई की जाएगी. यह कदम अमेरिका-कतर साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है.

Trump executive order : मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और दोहा पर इजरायल द्वारा किए गए एयरस्ट्राइक के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं. इस आदेश में अमेरिका ने कतर की सुरक्षा की गारंटी देते हुए कहा है कि यदि दोहा पर किसी देश ने हमला किया, तो अमेरिका जरूरत पड़ने पर सैन्य हस्तक्षेप करेगा. यह फैसला उस वक्त आया है जब हाल ही में व्हाइट हाउस में ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बैठक हुई थी.
अमेरिका और कतर के पुराने संबंधों पर ट्रंप का भरोसा
सैन्य कार्रवाई के लिए पूरी तैयारी
ट्रंप के आदेश में अमेरिकी रक्षा मंत्री (सेक्रेटरी ऑफ वॉर), विदेश मंत्री (सेक्रेटरी ऑफ स्टेट) और नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर को यह निर्देश दिया गया है कि वे संयुक्त रणनीति तैयार करें ताकि कतर पर किसी भी संभावित हमले की स्थिति में त्वरित और निर्णायक जवाब दिया जा सके. इसके साथ ही अन्य सहयोगी देशों से समन्वय कर कतर की राजनयिक और सैन्य सहायता सुनिश्चित करने का भी निर्देश है.
कतर पर हमले के बाद नेतन्याहू की माफी
यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब इजरायल ने 9 सितंबर को दोहा में हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाकर एक एयरस्ट्राइक की थी. इसके बाद, कतर ने हमास से मध्यस्थता करने से इनकार कर दिया था, जिससे गाजा युद्ध को समाप्त करने की कोशिशों को झटका लगा. इस परिस्थिति को संभालने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री से औपचारिक माफी मांगी और आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसे हमले दोहराए नहीं जाएंगे.
कतर की भूमिका और अमेरिका की रणनीति
कतर, जो हमेशा से मध्य पूर्व में शांति स्थापना और कूटनीतिक वार्ता में अहम भूमिका निभाता आया है, अब खुद एक हमले का शिकार बनने के बाद अपने रुख को सख्त करता नजर आया. ट्रंप के इस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर से न केवल कतर को बल मिला है, बल्कि अमेरिका ने यह भी दर्शाया है कि वह अपने सहयोगियों की सुरक्षा को लेकर किसी भी हद तक जा सकता है. इससे यह संकेत भी मिलता है कि अमेरिका क्षेत्र में अपनी सैन्य और राजनीतिक मौजूदगी को और मजबूत करना चाहता है.
इजरायल और हमास के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच कतर की भूमिका निर्णायक मानी जा रही है. अमेरिका द्वारा दिया गया यह सैन्य सुरक्षा आश्वासन न केवल कतर के लिए राहत है, बल्कि यह पूरे खाड़ी क्षेत्र में भू-राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे सकता है. इससे अमेरिका ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि वह अपने रणनीतिक सहयोगियों की सुरक्षा के लिए तैयार है चाहे उसके लिए उसे सैन्य कार्रवाई ही क्यों न करनी पड़े.


