भारत-पाक तनाव के बीच इमरान की जान पर खतरा, जेल में हमले की साजिश का शक
ऑपरेशन सिंदूर के तहत Terrorist camps पर भारत के सटीक हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बीच, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने जेल में बंद अपने नेता Imran Khan की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है.

PTI Khyber Pakhtunkhwa के अध्यक्ष जुनैद अकबर ने कल देर रात एक बयान में चेतावनी दी कि सरकार अदियाला जेल के अंदर खान को निशाना बनाने के लिए युद्ध की आड़ का इस्तेमाल कर सकती है. उन्होंने दावा किया कि ऐसी आशंका है कि पूर्व प्रधानमंत्री को नुकसान पहुंचाने के लिए इस बहाने मिसाइलों या ड्रोनों को तैनात किया जा सकता है. 72 वर्षीय इमरान खान अगस्त 2023 से हिरासत में हैं. वे करीब 200 कानूनी मामलों में फंसे हुए हैं, जिनके बारे में उनका कहना है कि ये मामले राजनीति से प्रेरित हैं. जनवरी में, एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री को 14 साल की जेल की सज़ा सुनाई, जबकि उनकी पत्नी को उनके खिलाफ लाए गए कई मामलों में से एक में सात साल की सज़ा सुनाई गई.
Junaid Akbar khan has pointed out a real issue everyone should pay heed to his concerns.. pic.twitter.com/Oodc0qdpmq
— Abdul Lateef PTi Chitral (@LatifPTIChitrl) May 8, 2025
दमन के बावजूद लोकप्रियता बरकरार
दमन के बावजूद, खान की लोकप्रियता कम नहीं हुई है. जनता की कल्पना पर उनकी निरंतर पकड़ उस कमज़ोर गठबंधन सरकार के लिए ख़तरा बन गई है, जिसने पिछले साल के कड़े नियंत्रण वाले चुनावों में पीटीआई की सत्ता में वापसी को रोक दिया था. पीटीआई अभी भी जीती गई सीटों के मामले में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने में कामयाब रही, लेकिन सेना के लिए अधिक अनुकूल माने जाने वाले गठबंधन को तुरंत सत्ता में लाया गया.
जेल के भीतर से भी जारी है विरोध
अदियाला जेल की दीवारों के भीतर से भी खान ने अपनी बेबाक नीति जारी रखी है. अपने वकीलों के ज़रिए वह सत्ताधारी प्रतिष्ठान के खिलाफ़ तीखे बयान जारी करते रहते हैं और हर मामले को अदालत में चुनौती देने की कसम खाते हैं.
जनरलों पर खुला हमला बना वजह
2022 में अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए पद से हटाए जाने के बाद, पूर्व क्रिकेट कप्तान ने पाकिस्तान की सबसे मज़बूत संस्था, सेना पर हमला बोला है. जनरलों की उनकी दुर्लभ और बेबाक आलोचना ने जनता का समर्थन और राज्य की प्रतिक्रिया, दोनों को आकर्षित किया है.
फरवरी चुनाव ने शक को किया मजबूत
पाकिस्तान की सेना वह अदृश्य हाथ है जो देश की राजनीति को आकार देती है. लेकिन फरवरी के चुनाव, जिसमें खान को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया और उनकी पार्टी को सरकारी मशीनरी द्वारा दबा दिया गया, ने उस बात को पुख्ता कर दिया जिसका कई पर्यवेक्षकों को पहले से ही संदेह था.
भारत-पाक तनाव में उभरा नया मोड़
जुनैद अकबर के दावे ऐसे समय में सामने आए हैं जब भारत ने गुरुवार रात को जम्मू, पठानकोट, उधमपुर और कुछ अन्य स्थानों पर पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला करने की पाकिस्तानी सेना की कोशिश को नाकाम कर दिया. दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही व्यापक सैन्य संघर्ष की आशंका भी बढ़ गई है. भारत ने राजस्थान में पाकिस्तानी वायुसेना (पीएएफ) के एक एफ-16 विमान को भी मार गिराया.
भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में दिखाई ताकत
भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान सीमा पर रात्रिकालीन हवाई निरीक्षण के दौरान अखनूर, सांबा, बारामूला, कुपवाड़ा और कई अन्य स्थानों पर सायरन बजने तथा कई विस्फोटों की खबरें आईं. भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी प्रयासों को विफल करने के बाद, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत "अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है."
पहलगाम हत्याकांड बना बड़ी कार्रवाई की वजह
Pakistani army की यह आक्रामकता भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा बुधवार की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ढांचों पर मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद आई है. यह हमला Pahalgam terrorist attacks के जवाब में किया गया था, जहां पाकिस्तान समर्थित और प्रशिक्षित आतंकवादियों ने पहलगाम में छुट्टियां मना रहे 26 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी.