भारत-पाक के बीच हो सकता था परमाणु वॉर, हमने दी 200 प्रतिशत टैरिफ की धमकी तब...ट्रंप ने फिर अलावा सीजफायर का राग
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक तनाव रोकने में हस्तक्षेप किया था और 200% टैरिफ की चेतावनी दी थी. भारत ने इसे खारिज किया. ट्रंप ने रूसी तेल को लेकर भी मोदी को धमकी दी. अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से भारत का निर्यात घटा, हालांकि CAD नियंत्रण में रहने की उम्मीद है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी. एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों को चेतावनी दी थी कि अगर वे युद्ध की ओर बढ़ते हैं, तो अमेरिका उनके साथ व्यापार नहीं करेगा और 200 प्रतिशत तक टैरिफ (आयात शुल्क) लगा देगा.
परमाणु युद्ध की आशंका का हवाला
ट्रंप ने कहा कि दोनों देश युद्ध की ओर बढ़ रहे थे, उनके बीच झड़प हो चुकी थी, यहां तक कि 7 विमान भी गिराए गए थे. स्थिति गंभीर थी और परमाणु युद्ध की संभावना बन रही थी.” उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों को एक जैसी सख्त चेतावनी दी: "अगर आप एक-दूसरे से लड़ते हैं, तो अमेरिका के साथ व्यापार भूल जाइए. हम 200 फीसदी टैरिफ लगा देंगे, जिससे व्यापार करना नामुमकिन हो जाएगा.
भारत सरकार ने किया इनकार
हालांकि, भारत सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता पूरी तरह द्विपक्षीय था, और इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी. भारत ने यह भी दोहराया है कि ऐसे किसी भी ‘मध्यस्थ’ के दावे का कोई आधार नहीं है.
रूसी तेल पर भी चेतावनी
रूसी तेल की खरीद को लेकर भी ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देने का दावा किया. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने मुझे आश्वासन दिया है कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे, लेकिन अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.” हालांकि, भारत सरकार की ओर से इस बयान की पुष्टि नहीं की गई है, और अब तक दोनों नेताओं के बीच इस विषय पर किसी वार्ता की जानकारी भी साझा नहीं की गई है.
भारत का अमेरिकी निर्यात घटा
एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में अमेरिका को भारत का निर्यात गिरावट के दौर में है. अगस्त 2025 में जहां 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई थी, वहीं सितंबर में यह 11.9 प्रतिशत घटकर केवल 5.5 अरब डॉलर रह गया.
अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी का असर
इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारण डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क में भारी बढ़ोतरी को माना जा रहा है, जो 27 अगस्त से लागू हुई थी. अगर कंपनियां पहले ही निर्यात के लिए माल रवाना नहीं करतीं, तो यह गिरावट और अधिक होती.
गैर-अमेरिकी बाजारों में बेहतर प्रदर्शन
इसके उलट गैर-अमेरिकी बाजारों में भारत का निर्यात सितंबर 2025 में 10.9 प्रतिशत बढ़ा, जो अगस्त की 6.6 प्रतिशत वृद्धि से अधिक है.
चालू खाता घाटा नियंत्रण में
रिपोर्ट में कहा है कि भले ही अमेरिकी बाजार में गिरावट हो, लेकिन भारत का चालू खाता घाटा (CAD) नियंत्रण में रहेगा. मजबूत सेवा निर्यात, स्थिर रेमिटेंस, और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट इसकी मुख्य वजहें होंगी. वित्त वर्ष 2025 में CAD जीडीपी का लगभग 1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 0.6 प्रतिशत से कुछ अधिक है.


