पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में TTP का बड़ा हमला, सात सैनिकों की मौत...चार आतंकी भी ढेर
TTP attack Khyber Pakhtunkhwa : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मीर अली में टीटीपी ने आत्मघाती हमला कर सात पाक सैनिकों की जान ले ली. विस्फोट के बाद तीन आतंकियों ने शिविर में घुसकर गोलीबारी की. सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में चार हमलावरों को मार गिराया. यह हमला उस वक्त हुआ जब पाक सेना विद्रोही गुटों के खिलाफ अभियान चला रही है. हालिया महीनों में ऐसे आतंकी हमलों में तेजी आई है.

TTP Attack Khyber Pakhtunkhwa : पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में स्थित उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली इलाके में शुक्रवार को सुरक्षाबलों पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकियों ने भीषण आत्मघाती हमला किया. पाकिस्तान की सरकारी मीडिया पीटीवी के मुताबिक, इस हमले में सात पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई, जबकि जवाबी कार्रवाई में चार आतंकियों को मार गिराया गया है. यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनावपूर्ण युद्धविराम की स्थिति बनी हुई है.
आत्मघाती हमले से शुरू हुआ हमला
शुरुआती भ्रम, फिर सात सैनिकों की मौत की पुष्टि
हमले के तुरंत बाद मिली शुरुआती जानकारी में सुरक्षाबलों के नुकसान की बात नहीं कही गई थी, लेकिन कुछ घंटों बाद अधिकारियों ने सात सैनिकों की मौत की पुष्टि की. यह मुठभेड़ दर्शाती है कि टीटीपी जैसे विद्रोही संगठन अब भी पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बने हुए हैं. पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि जवाबी कार्रवाई में चार हमलावर मारे गए.
ख्वारिज के खिलाफ सेना का अभियान
पाकिस्तान की सेना और सरकार टीटीपी जैसे आतंकी संगठनों के लड़ाकों को 'ख्वारिज' कहकर संबोधित करती है, जो इस्लाम से भटके हुए और हिंसा के रास्ते पर चलने वाले चरमपंथियों के लिए एक पारंपरिक शब्द है. सेना का दावा है कि बीते दो दिनों में उन्होंने 88 ख्वारिज आतंकियों को मार गिराया है. यह भी स्पष्ट संकेत है कि सेना ने विद्रोहियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान छेड़ रखा है.
ऑपरेशन तेज, लेकिन हमले थम नहीं रहे
यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब पाक सेना ने उत्तरी वजीरिस्तान, दक्षिणी वजीरिस्तान और बन्नू जिलों में व्यापक सैन्य कार्रवाई शुरू की हुई है. बावजूद इसके, टीटीपी के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. खासकर 2022 में टीटीपी के साथ पाकिस्तान सरकार द्वारा किए गए युद्धविराम के टूटने के बाद से इन हमलों में तीव्र वृद्धि देखी गई है. टीटीपी का मुख्य निशाना पुलिस, अर्धसैनिक बल और कानून व्यवस्था से जुड़े अधिकारी रहे हैं.
बढ़ती हिंसा और अस्थिरता
खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे सीमावर्ती प्रांतों में हाल के महीनों में सुरक्षाबलों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं. अफगानिस्तान से सटे इन इलाकों में तालिबानी प्रभाव और सीमापार आतंकी नेटवर्क के कारण स्थिति और भी जटिल हो गई है. युद्धविराम के बावजूद ऐसे हमले पाकिस्तान की आतंरिक सुरक्षा और विदेशी नीति को भी प्रभावित कर रहे हैं.
मीर अली में हुआ यह आत्मघाती हमला एक बार फिर पाकिस्तान की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था और टीटीपी की बढ़ती आक्रामकता को उजागर करता है. जहां एक ओर सेना विद्रोही गुटों के खिलाफ कठोर अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर, टीटीपी की लगातार हो रही घुसपैठ और हमले इस लड़ाई को लंबा और चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं. ऐसे हालात पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिरता और सीमाई सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं.


