जगमीत सिंह की हार के बाद NDP का नेतृत्व बदला, डॉन डेविस बने अंतरिम नेता
कनाडा के न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह को हाल ही में हुए आम चुनावों में भारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उनका कार्यकाल समाप्त हो गया. चुनाव में NDP केवल सात सीटों और 6% वोट शेयर तक सीमित रह गई, जबकि 2021 में पार्टी को 25 सीटें और 18% वोट मिले थे.

कनाडा के न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता और खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह का राजनीतिक करियर एक बड़े झटके से गुज़रा है. हाल ही में हुए आम चुनावों में भारी हार के बाद, सिंह ने पार्टी की कमान खो दी है. चुनाव परिणामों के बाद, NDP की राष्ट्रीय परिषद ने डॉन डेविस को अंतरिम नेता चुना है. अब पार्टी को एक नए नेता की तलाश है, जो पार्टी को नई दिशा दे सके.
जगमीत सिंह का कार्यकाल समाप्त
28 अप्रैल को हुए संघीय चुनावों के बाद, जगमीत सिंह का कार्यकाल खत्म हो गया. इस चुनाव में NDP को बुरी हार का सामना करना पड़ा, और पार्टी केवल सात सीटों और 6% वोट शेयर तक ही सीमित रह गई. 2021 के चुनाव में पार्टी को 25 सीटें और 18% से अधिक वोट मिले थे. जगमीत सिंह ने चुनावी परिणामों के बाद ही इस्तीफे की पेशकश की थी, और सोमवार को NDP की बैठक में उनके कार्यकाल को समाप्त कर दिया गया.
NDP के नेता के रूप में जगमीत सिंह की आलोचना
जगमीत सिंह ने अक्टूबर 2017 में NDP का नेतृत्व संभाला था, और यह एक ऐतिहासिक पल था क्योंकि वह कनाडा में किसी संघीय पार्टी के पहले अश्वेत नेता बने थे. हालांकि, उनके नेतृत्व में पार्टी को हाल के चुनावों में बड़ा नुकसान हुआ. चुनाव में उनकी खुद की सीट भी गिर गई, जहां वह तीसरे स्थान पर आ गए. उनका यह झटका केवल व्यक्तिगत ही नहीं था, बल्कि पार्टी की आगामी रणनीति और नेतृत्व को भी प्रभावित करेगा.
नए नेतृत्व की तलाश में NDP
NDP की नेता मैरी शॉर्टल ने कहा, हमारी उम्मीदों के अनुरूप चुनाव परिणाम नहीं आए, लेकिन हम बेहतर कनाडा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अब पार्टी अपने नेतृत्व के लिए नए उम्मीदवारों की तलाश कर रही है. यह चुनावी हार एक ओर वजह से भी हुई, और वह थी जस्टिन ट्रूडो की सरकार के साथ लंबे समय तक गठबंधन, जिसे अंततः एंटी-इंकबेंसी का सामना करना पड़ा.
जगमीत सिंह का भारत विरोधी रुख
जगमीत सिंह का भारत विरोधी रुख, विशेष रूप से खालिस्तानी उग्रवादियों के समर्थन में, उन्हें आलोचनाओं का शिकार बना. 2013 में, जब मनमोहन सिंह की सरकार ने उन्हें भारत का वीजा देने से इंकार कर दिया था, तब से उनका भारत विरोधी रुख स्पष्ट रूप से सामने आया. इस विवाद ने उनकी छवि को और भी नकारात्मक बना दिया और उनका राजनीतिक करियर प्रभावित हुआ.
कनाडा की राजनीति में क्या होगा आगे?
अब जब NDP ने नए नेता की तलाश शुरू कर दी है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी आगामी चुनावों में अपनी स्थिति को कैसे मजबूत करती है. हालांकि, इस हार ने जगमीत सिंह की राजनीतिक छवि को काफी नुकसान पहुंचाया है, और पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर नई उम्मीदें उत्पन्न हो गई हैं.


