नेपाल की नई जनसंख्या नीति: अब तीन बच्चे होंगे आदर्श परिवार का मानक
नेपाल ने घटती जनसंख्या दर से निपटने के लिए नई जनसंख्या नीति लागू की है, जिसके तहत तीन बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि लगातार घटती जन्म दर देश के विकास के लिए खतरा है और इस पर अब ठोस कदम उठाना जरूरी हो गया है.

नेपाल में आबादी तेजी से घट रही है, और इस चिंता के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हाल ही में “तीन बच्चे नीति” को औपचारिक रूप से सार्वजनिक किया है. नेपाल, जहाँ 82% नागरिक हिंदू हैं और जिसकी कुल जनसंख्या लगभग 2.97 करोड़ है, अब संख्या नियंत्रण से हटकर जनसंख्या प्रोत्साहक नीतियाँ अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि पहले ‘एक बच्चा’ नीति की सिफारिश की गई थी, जिसे अधिकांश लोग गलत समझ बैठे थे. अब आने वाली पीढ़ियाँ शादी और संतानोत्पत्ति से ही दूरी बना रही हैं, जिससे नेपाल का विकास प्रभावित हो सकता है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शादी की न्यूनतम आयु 20 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री ओली का मानना
उन्होंने घोषणा की कि तीन बच्चों की नीति के तहत, प्रत्येक जोड़े को तीन संतानें पैदा करने पर उत्साहित किया जाएगा, और जल्द ही इसे सशक्त कानून के रूप में लागू किया जाएगा. ओली कहते हैं, “मानव सभ्यता के लिए जन्म ज़रूरी है. सभ्यता को बचाना है तो इसकी ओर ध्यान देना होगा.”
जन्म दर और प्रजनन दर में गिरावट
नेपाल की कुल जन्म दर पिछले कुछ वर्षों में काफी गिर चुकी है. 2022 में जन्म दर 19.64 थी, जो 2025 तक घटकर लगभग 17 हो गई. फर्टिलिटी रेट — यानी प्रति महिला औसतन कितने बच्चे जन्म लेते हैं — भी चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है. 2013 में यह आंकड़ा 2.36 था, लेकिन 2023 में यह घटकर 1.98 रह गया और 2025 में इसे लगभग 1.8 दर्जा गया.
फर्टिलिटी रेट - २.१ से नीचे आना डेमोग्राफिक रिस्क
वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो फर्टिलिटी रेट 2.1 के नीचे गिरने का मतलब है कि नई पीढ़ी को बनाए रखने में समस्या आने वाली है. इससे कार्यशील उम्र की आबादी घटेगी, पेंशन व सामाजिक सुरक्षा के बोझ़ में वृद्धि होगी, और वृद्ध जनसंख्या का अनुपात बढ़ेगा, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक जरूरतों पर असर पड़ेगा.
तीन बच्चे नीति का महत्व
प्रधानमंत्री ओली की नीति के पीछे यही गणित है: जनसंख्या की गिरती रफ्तार को रोकना और एक संतुलित आबादी सुनिश्चित करना. अब सरकार सोच रही है कि तीन बच्चे पैदा करने को प्रोत्साहन देने से यह गिरावट रोकी जा सके. सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि यह प्रयास केवल सुझाव तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे सख्त कानूनी रूप दिया जाएगा. अभी हाल ही से नीति की घोषणा हुई है, लेकिन इसके सफल कार्यान्वयन के लिए मेहनत और समय दोनों की आवश्यकता होगी.


