नेतन्याहू की रणनीति या AI का जादू? इजराइल ने कैसे हमास को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया?

7 अक्टूबर 2023 को हमास के घातक हमले के बाद, इजराइल ने बदला लेने के लिए एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल किया. माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई के AI मॉडल्स की मदद से इजराइल ने हमास लीडर्स की पहचान कर उन्हें निशाना बनाया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, AI के उपयोग में 200 गुना वृद्धि हुई, जिससे इजराइल को तेजी से हमले करने में मदद मिली.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

इजराइल हमेशा से अपने दुश्मनों को करारा जवाब देने वाला देश रहा है. जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने देश पर एक भीषण हमला किया, तो इजराइल ने केवल सैन्य ताकत से ही नहीं, बल्कि एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का भी भरपूर इस्तेमाल किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइली सेना ने अमेरिकी टेक कंपनियों के AI मॉडल्स का इस्तेमाल करते हुए हमास के लीडर्स को चुटकियों में ढेर कर दिया. लेकिन यह AI कितनी कारगर रही? क्या यह मानवता के लिए खतरा बन सकती है?

AI के इस्तेमाल से हमास के टॉप लीडर्स का खात्मा

7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया, जिसमें हजारों लोग मारे गए और कई सौ नागरिकों को बंधक बना लिया गया. इजराइल ने इस हमले का बदला लेने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी. लेकिन इस बार इजराइल ने सिर्फ सैन्य बल पर भरोसा नहीं किया, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई के एडवांस AI सिस्टम्स का इस्तेमाल कर दुश्मनों की पहचान और सफाया किया.

कैसे AI ने दुश्मनों को चुटकियों में पहचाना?

AI तकनीक ने संदिग्ध गतिविधियों, भाषणों और हमास लीडर्स की लोकेशन को ट्रैक करने में अहम भूमिका निभाई. यह AI सिस्टम माइक्रोसॉफ्ट के Azure क्लाउड प्लेटफॉर्म और ओपनएआई मॉडल्स से जुड़ा था, जो हमास के मूवमेंट्स को रियल-टाइम ट्रैक कर रहा था. AI के जरिए हमास के टॉप लीडर्स को पहचानकर इजराइली सेना ने एक के बाद एक टार्गेट को खत्म कर दिया.

AI के इस्तेमाल से 200 गुना तेजी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7 अक्टूबर से पहले की तुलना में मार्च 2024 तक इजराइल ने AI मॉडल्स का उपयोग 200 गुना बढ़ा दिया था. अमेरिकी टेक कंपनियों के इन मॉडल्स की मदद से इजराइली सेना ने हमास के कई टॉप लीडर्स को मौत के घाट उतार दिया.

निर्दोष नागरिकों की हत्या पर उठे सवाल

हालांकि, AI के इस्तेमाल ने इजराइल को बढ़त दिलाई, लेकिन कई रिपोर्ट्स यह भी दावा कर रही हैं कि इस तकनीक ने निर्दोष नागरिकों की जान भी ली. AI सिस्टम की गलतियों के कारण कई निर्दोष लोग हमलों का शिकार हुए, जिससे मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है.

$133 मिलियन का डील और इजराइल की रणनीति

माइक्रोसॉफ्ट और इजराइली रक्षा मंत्रालय के बीच 133 मिलियन डॉलर का समझौता हुआ है, जिससे इजराइल के सैन्य सिस्टम्स में और AI तकनीक जोड़ी जाएगी. हालांकि, सवाल यह उठता है कि यदि AI गलत निर्णय ले, तो इसका खामियाजा कौन भुगतेगा?

AI युद्ध में कितना सही, कितना गलत?

AI का उपयोग इजराइल को हमास के खिलाफ बढ़त दिलाने में जरूर मददगार साबित हुआ, लेकिन यह बहस छिड़ चुकी है कि क्या इस तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल युद्धों में सही है? और अगर AI के एल्गोरिदम में त्रुटि हुई, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?


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19 February 2025, 08:08 AM IST

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