पूर्व PM इमरान खान की बहन अलीमा के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी...जानें क्या है पूरा मामला
Aleema Khan arrest warrant : रावलपिंडी की आतंकवाद विरोधी अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहन अलीमा खान के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह आदेश 26 नवंबर 2024 के पीटीआई विरोध प्रदर्शन में उनकी लगातार अनुपस्थिति को देखते हुए दिया गया. अदालत ने उनकी जमानत राशि जब्त कर गारंटर को कारण बताओ नोटिस भेजा है. मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर 2025 को होगी.

Aleema Khan arrest warrant : रावलपिंडी की Anti Terrorism Court (एटीसी) ने 26 नवंबर 2024 को हुए Pakistan Tehreek e Insaf (PTI) के बड़े विरोध प्रदर्शन से जुड़े एक मुकदमे में पूर्व प्रधानमंत्री Imran Khan की बहन Aleema Khan के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह उनके खिलाफ इस मामले में चौथा ऐसा वारंट है. अदालत ने विशेष रूप से उनकी कई बार अभियोजक के समक्ष न उपस्थित होने को न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालना माना है.
FIR सादिकाबाद पुलिस स्टेशन में हुई थी दर्ज
गैर हाजिरी को देखते हुए पेश करने का निर्देश
एटीसी जज Amjad Ali Shah ने Aleema Khan की गैर हाज़िरी को देखते हुए पुलिस से उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने उनके जमानती बॉन्ड जब्त करने, गारंटर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने और अगली सुनवाई तक मामले की अगली तारीख तय करने का आदेश दिया है.
राजनीतिक और कानूनी महत्व
यह कार्रवाई PTI के वरिष्ठ नेताओं और विरोध आंदोलन से जुड़े कानूनी दबाव की ओर एक स्पष्ट संकेत है. Aleema Khan जैसे नाम पर कार्रवाई इसका दर्शक है कि राजनीतिक प्रतिष्ठा और न्यायिक अनुपस्थिति दोनों ही अब प्रभावी मुद्दे बन चुके हैं. इसके अलावा यह दिखाता है कि पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन मामलों में निजी और राजनीतिक जवाबदेही का दायरा बढ़ा है.
जांच प्रक्रिया और संभावित परिणाम
मुकदमे की अगली सुनवाई 24 नवंबर 2025 के लिए निर्धारित है. इस दौरान अदालत द्वारा पेश किए गए गवाही, जमानती दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया और गिरफ्तारी आदेश की क्रियान्वयन स्थिति पर विशेष ध्यान रहेगा. (Dawn) यदि अदालत को लगे कि Aleema Khan ने जानबूझकर अदालत में पेश नहीं होकर प्रक्रिया को बाधित किया है, तो अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत और भी सख्ती हो सकती है. यह पूरा मामला पाकिस्तान की वर्तमान राजनीतिक चुनौतियों, विरोध आंदोलन और न्यायिक प्रक्रियाओं के बीच जटिल संतुलन को उजागर करता है.


