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एक बटन और दुनिया खत्म! जानिए वो 5 देश जिनके पास है कयामत की चाबी, जो पल में धरती को बना सकते हैं राख!

  लेकिन दुनिया में ऐसे पाँच देश हैं जो पहले ही खौफनाक तकनीकों, स्पेशल फोर्सेज की ट्रेनिंग और अगली पीढ़ी की युद्ध रणनीतियों से खुद को लैस कर चुके हैं। ये वही ताकतें हैं जो न सिर्फ जंग की दिशा तय करेंगी, बल्कि ज़रूरत पड़ी तो पूरी दुनिया की किस्मत भी बदल सकती हैं।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज: इज़रायल का मिसाइल शील्ड सिस्टम जिसमें आयरन डोम और एरो जैसी तकनीकें शामिल हैं, दुश्मन के किसी भी हवाई हमले का पल भर में जवाब देने में सक्षम है, जिससे इसे आसमानी सुरक्षा में बढ़त हासिल है। चीन हर साल दो मिलियन नए सैनिक तैयार करता है और गहराई से बिछी अंडरवॉटर वॉल्स के जरिए समुद्र के नीचे दुश्मन की हलचल को चुपचाप पकड़ लेता है। भारत का रहस्यमयी "KALI" वेपन बिना धमाके के दुश्मन के सैटेलाइट्स और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को निष्क्रिय कर सकता है, जो युद्ध को सीधे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ज़ोन में ले जाता है। रूस का 'डेड हैंड सिस्टम' उसकी सबसे डरावनी ताकत है।

अगर उसकी लीडरशिप खत्म हो भी जाए, तो ये सिस्टम परमाणु हमला सुनिश्चित करता है। अमेरिका के पास दुनिया भर में 800 से ज़्यादा मिलिट्री बेस और एक शक्तिशाली स्पेस फोर्स है, जो अंतरिक्ष से ही खतरे को खत्म करने में सक्षम है। ये पांच देश सिर्फ युद्ध की तैयारी नहीं करते, बल्कि युद्ध को ज़मीन, समुद्र, हवा, अंतरिक्ष और साइबरस्पेस में इंजीनियर करते हैं। अगर तीसरा विश्व युद्ध छिड़ा, तो ये ताकतें या तो उसका अंजाम तय करेंगी या इस धरती को हमेशा के लिए बदल देंगी।

1. इज़रायल: छोटा देश, लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा डिफेंस शील्ड

इज़रायल भले ही आकार में छोटा हो, लेकिन इसकी रक्षा प्रणाली पूरी दुनिया में सबसे एडवांस मानी जाती है। आयरन डोम से लेकर डेविड स्लिंग और एरो 3 जैसे सिस्टम्स दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही मार गिराते हैं और वो भी 90% से ज़्यादा सफलता दर के साथ। इज़रायल की सबसे बड़ी ताकत उसका नागरिक नेटवर्क है, जहां हर घर में कोई न कोई सेना की ट्रेनिंग ले चुका होता है। अनिवार्य मिलिट्री सर्विस के चलते यह देश सामूहिक सुरक्षा में सबसे आगे है। इसके साथ ही, मोसाद और शिन बेट जैसी खुफिया एजेंसियां देश और विदेश दोनों में दुश्मनों के लिए हमेशा एक खतरा बनी रहती हैं।

2. चीन: चुपचाप हर साल तैयार कर रहा है दो मिलियन सैनिक

चीन सिर्फ युद्ध की तैयारी नहीं कर रहा वह लंबे युद्ध के लिए कमर कस रहा है। हर साल लगभग 20 लाख सैनिक ट्रेनिंग के लिए तैयार किए जाते हैं। लेकिन इसकी असली ताकत जमीन के नीचे है। साउथ चाइना सी के नीचे बिछी सीक्रेट अंडरवाटर वॉल्स यानी सॉनार ग्रिड्स दुश्मन की पनडुब्बियों को सतह पर आने से पहले ही पकड़ लेती हैं। हाईपरसोनिक मिसाइल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कमांड सिस्टम और तेजी से बढ़ता डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर चीन को न सिर्फ पश्चिमी ताकतों की बराबरी, बल्कि उन्हें पीछे छोड़ने की तैयारी में है।

3. भारत: शांत सुपरपावर, जो सीक्रेट वेपन्स के ज़रिए बनाएगा फर्क

भारत दुनिया की सबसे बड़ी थलसेनाओं में से एक है, लेकिन इसकी असली ताकत उन प्रोजेक्ट्स में छिपी है जिनके बारे में कोई खुलकर नहीं बोलता। माना जाता है कि DRDO का “KALI वेपन” ऐसा हथियार है जो बिना धमाके के दुश्मन के सैटेलाइट या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स को खत्म कर सकता है। साइबर वॉर और स्पेस वॉर में ये गेमचेंजर साबित हो सकता है। भारत की माउंटेन कॉर्प्स, डेज़र्ट वॉरफेयर यूनिट्स, और स्पेशल ऑप्स फोर्सेज पूर्व और पश्चिम दोनों सीमाओं पर ऑपरेशन की तैयारी में रहती हैं। देश की वैज्ञानिक ताकत फिलहाल छिपी हुई है लेकिन इसका असर भविष्य में पूरी दुनिया देखेगी।

4. रूस: जहां सिस्टम इंसानों से पहले रिएक्ट करता है

रूस की सबसे खतरनाक विशेषता है उसका ऑटोमैटिक परमाणु सिस्टम डेड हैंड या पेरिमीटर। अगर रूस के लीडरशिप को मार गिराया जाए, तो भी ये सिस्टम अपने आप एक्टिवेट हो जाएगा और दुश्मन पर न्यूक्लियर हमला कर देगा। रूस के पास 12,000 से ज़्यादा टैंक, ज़िरकॉन और किंज़ल जैसी हाईपरसोनिक मिसाइलें, और S-400, S-500 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम्स हैं जो दुनिया के किसी भी लड़ाकू विमान को रडार पर आने से पहले गिरा सकते हैं। पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह की जंग में रूस अब भी एक हैवीवेट चैंपियन बना हुआ है।

5. अमेरिका: धरती से लेकर अंतरिक्ष तक का कमांडर

अमेरिका के 800 से ज्यादा मिलिट्री बेस पूरी दुनिया में फैले हैं यानी जंग कहीं से भी शुरू हो, अमेरिका वहां मौजूद रहता है। 800 अरब डॉलर से ज़्यादा का रक्षा बजट इसे तकनीकी रूप से सबसे ताकतवर बनाता है। 2019 में बनाई गई स्पेस फोर्स अब स्पेस वॉर का चेहरा बदल रही है जिसमें सैटेलाइट नेटवर्क कंट्रोल, दुश्मन के कम्युनिकेशन सिस्टम को जाम करना, और स्पेस से डायरेक्ट अटैक जैसे टूल्स शामिल हैं। साइबर पावर, एयर डॉमिनेंस और इंटेलिजेंस नेटवर्क अमेरिका को आने वाले युद्धों में सबसे आगे रखते हैं।

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21 June 2025, 06:47 PM IST

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