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भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' पर आपत्ति क्यों? पाकिस्तानी सांसद मौलाना फजलुर का मुनीर पर तीखा हमला

कराची के लियारी इलाके में हाल ही में ‘मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-उम्मत’ का एक बड़ा सम्मेलन हुआ. इस मौके पर जब मौलाना फजलुर रहमान ने मंच संभाला तो उन्होंने पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर और उनकी अगुवाई वाली सैन्य कार्रवाइयों पर जमकर बरसते हुए तीखी आलोचना की.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर सैन्य नीति को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) के प्रमुख और वरिष्ठ सांसद मौलाना फजलुर रहमान ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए पाकिस्तानी सेना के रुख पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने दो टूक कहा कि अगर पाकिस्तान अफगानिस्तान के भीतर सैन्य कार्रवाई को सही ठहराता है, तो भारत की ओर से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों पर आपत्ति का आधार क्या है.

कराची में आयोजित एक बड़े धार्मिक सम्मेलन के मंच से मौलाना फजलुर रहमान के इस बयान को पाकिस्तान की सैन्य रणनीति पर सीधी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है. उनके बयान ने न सिर्फ भारत-पाकिस्तान के हालिया घटनाक्रम को चर्चा में ला दिया है, बल्कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव को भी नए सिरे से उजागर कर दिया है.

कराची से सेना पर तीखा हमला

कराची के लियारी इलाके में हुए ‘मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-उम्मत’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए मौलाना फजलुर रहमान ने सेना प्रमुख आसिम मुनीर के नेतृत्व में हो रही सैन्य कार्रवाइयों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में किए गए हमलों में आम नागरिकों की जान गई है और इस पर इस्लामाबाद की सफाई कमजोर और असंतोषजनक है.

“तर्क एक जैसा नहीं हो सकता”

मौलाना फजलुर रहमान ने साफ शब्दों में कहा कि अगर आप कहते हैं कि हमने अफगानिस्तान में अपने दुश्मन पर हमला किया और उसे जायज ठहराते हैं, तो भारत भी यह कह सकता है कि उसने बहावलपुर, मुरीदके और कश्मीर हमलों के जिम्मेदार संगठनों के मुख्यालयों पर कार्रवाई की."

उन्होंने आगे सवाल उठाया कि फिर आप आपत्ति कैसे कर सकते हैं? आज वही आरोप अफगानिस्तान पाकिस्तान पर लगा रहा है. दोनों स्थितियों को आप कैसे सही ठहराएंगे? उनके इस बयान को सीधे तौर पर भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जोड़कर देखा जा रहा है.

क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’

गौरतलब है कि 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों ने तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए थे. इनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य अड्डा मुरीदके भी शामिल था.

इस सैन्य अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया था, जो 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी.

भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की नाकाम कोशिश

भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और अन्य हथियारों के जरिए भारत के कई शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की थी. हालांकि, भारतीय सेना ने इन सभी प्रयासों को पूरी तरह नाकाम कर दिया था.

पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव की पृष्ठभूमि

मौलाना फजलुर रहमान लंबे समय से पाकिस्तान की अफगान नीति के आलोचक रहे हैं. अक्टूबर में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने पर उन्होंने मध्यस्थता की पेशकश भी की थी. वह तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा से मुलाकात करने वाले इकलौते पाकिस्तानी सांसद माने जाते हैं.

भारत की सख्त प्रतिक्रिया

हाल ही में भारत ने अफगानिस्तान पर पाकिस्तान के ताजा हमलों की निंदा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि हम उन रिपोर्टों से अवगत हैं जिनमें अफ़ग़ान नागरिकों के मारे जाने की बात कही गई है. हम निर्दोष अफगान लोगों पर हमलों की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने दोहराया कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता का समर्थन करता है.

वहीं तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया कि हमले पाकिस्तान ने शुरू किए थे, जिसके जवाब में काबुल को कार्रवाई करनी पड़ी. 2021 में तालिबान की काबुल वापसी के बाद से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों में लगातार तनाव बना हुआ है. पाकिस्तान जहां अफगानिस्तान पर आतंकियों को शरण देने का आरोप लगाता है, वहीं तालिबान सरकार इन आरोपों को लगातार खारिज करती रही है.

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24 December 2025, 09:29 AM IST

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