सूट में ओसामा बिल लादेन: पेंटागन अधिकारी ने असीम मुनीर पर साधा निशाना, अमेरिका में नो-एंट्री की मांग
अमेरिका और रूस की महत्वपूर्ण मीटींग से ठीक पहले, पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के बारे में चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि आसिम मुनीर तो सूट में सजा-धजा ओसामा बिन लादेन है. इतना ही नहीं, रुबिन ने डोनाल्ड ट्रंप को लेकर भी तीख हमला बोला है.

US-Pakistan: अमेरिका के पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा के दौरान दी गई ‘परमाणु धमकी’ पर तीखी प्रतिक्रिया दी हैं. रुबिन ने इसे पूरी तरह अस्वीकार्य बताते हुए जनरल मुनीर की बयानबाजी को 9/11 हमलों के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन की याद दिलाने वाला बताया. रुबिन ने कहा कि अमेरिकी से पाकिस्तान को इस तरह की धमकियां गंभीर चिंता का विषय हैं और यह सवाल उठाती हैं कि क्या पाकिस्तान एक जिम्मेदार राष्ट्र के तौर पर अपने कर्तव्यों का पालन कर सकता है, या फिर उसके अस्तित्व पर पुनर्विचार का समय आ गया है.
माइकल रुबिन ने क्या कहा?
मीडिया से बातचीत में माइकल रुबिन ने कहा कि अमेरिकी धरती पर पाकिस्तान की धमकियां पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. और साथ ही फील्ड मार्शल की बयानबाजी ओसामा बिन लादेन से सुनी गई बातों की याद दिलाती है. साथ ही रुबिन ने यह भी समझाया कि अमेरिकी आतंकवाद को शिकायत की नजर से देखते हैं. वे कई आतंकवादियों की वैचारिक बुनियाद को नहीं समझते हैं.
परमाणु धमकी
यह टिप्पणी फ्लोरिडा के टाम्पा में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद आई, जहां जनरल असीम मुनीर ने परमाणु हथियारों की चेतावनी देते हुए कहा था, 'हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं. अगर हमें लगता है कि हम नीचे जा रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ नीचे ले जाएंगे.
कड़ी कूटनीतिक कार्रवाई की मांग
पूर्व पेंटागन अधिकारी ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि अमेरिका पाकिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी माने; पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के रूप में सूचीबद्ध होने वाला पहला प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी होना चाहिए, और उसे अब अमेरिकी सेंट्रल कमांड का सदस्य नहीं होना चाहिए. साथ ही असीम मुनीर को अमेरिका में अवांछित व्यक्ति माना जाना चाहिए और किसी भी पाकिस्तानी अधिकारी की तरह उन्हें तब तक अमेरिकी वीजा नहीं मिलना चाहिए, जब तक पाकिस्तान अपनी सफाई नहीं देता और माफी नहीं मांग लेता.
भारत का कड़ा रुख
विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि ये टिप्पणियां पाकिस्तान की परमाणु कमान और नियंत्रण की अखंडता पर संदेह को रेखांकित करती हैं, खासकर इस तथ्य को देखते हुए कि सैन्य प्रतिष्ठान आतंकवादी समूहों के साथ सांठगांठ रखता है. और यह बेहद खेदजनक है कि इस तरह की धमकी भरी बातें एक मित्र तीसरे देश की धरती से की गईं. भारत ने अपने रुख को दोहराते हुए कहा, भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हर जरूरी कदम उठाते रहेंगे.


