पाकिस्तान का UN में रोना, आतंकवाद का पाठ पढ़ाने वाला अब खुद डरा
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे आतंकीवादी संगठनों के बिच बढ़ते सहयोग के बारे में सचेत किया है, जो कथित तौर पर अफगानिस्तान में हैं.

United Nations Statement: पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर एक बार फिर अपनी स्थिति को उजागर किया है. आतंकवाद को पनाह देने के लिए कुख्यात इस देश ने अफगानिस्तान को आतंकी खतरे का केंद्र बताकर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. यह वही पाकिस्तान है, जिसे लंबे समय से आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने और उन्हें पनाह देने के आरोपों का सामना करना पड़ा है.संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने हाल ही में अपनी बात रखते हुए अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों को वैश्विक खतरे का कारण बताया.
पाकिस्तान का दोहरा चेहरा
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को अपने लिए सबसे बड़ा आतंकी खतरा बताया है. राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा, "तीन आतंकी समूह अफगानिस्तान के..." इस बयान में उन्होंने TTP को 6,000 से अधिक लड़ाकों वाला संगठन बताया, जो अफगानिस्तान से हथियार प्राप्त करता है. लेकिन, यह वही पाकिस्तान है, जिसके बारे में वैश्विक समुदाय का मानना है कि वह आतंकवादी संगठनों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन देता रहा है.
अफगानिस्तान पर उंगली
पाकिस्तान का यह दावा कि अफगानिस्तान आतंकवाद का गढ़ है, यह बात तब और अजीब हो जाता है, जब उसके अपने इतिहास पर नजर डालें. ओसामा बिन लादेन का पाकिस्तान की राजधानी के पास पाया जाना और कई आतंकी संगठनों का वहां मौजूद होना, इस देश की छवि को 'आतंकियों का स्वर्ग' बनाता है. भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों ने बार-बार पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. फिर भी, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान को निशाना बनाकर अपने उपर से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है.
TTP और पाकिस्तान की बढ़ती चिंता
पाकिस्तान ने दावा किया कि टीटीपी, जो 2007 में तालिबान के समर्थन से बना, अब उसके लिए सबसे बड़ा खतरा है. असीम इफ्तिखार अहमद ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, "अगर इस आतंकी संगठन पर कंट्रोल नहीं किया जाता है, तो पूरी दुनिया आतंक के चपेट में आ जाएगी." यह बयान उस देश से आया है, जो खुद आतंकवाद से जूझ रहा है और जिसके खिलाफ पूरे विश्व में आतंकवाद के लाईन में बार-बार खड़ा किया जाता है.
विश्व समुद की नजर में पाकिस्तान
पाकिस्तान का यह बयान वैश्विक समुदाय के लिए एक विडंबना से कम नहीं है. एक ओर वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है, दूसरी ओर उसका अपना रिकॉर्ड सवालों के घेरे में है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कई बार पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन पर सवाल उठाए हैं और इसे जवाबदेह ठहराने की मांग की है. इस बयान के बाद से वैश्विक समुदाय की नजर पाकिस्तान के दोहरे चेहरे पर टिकी पड़ी है.


