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अगर बात नहीं बनी तो युद्ध जैसे होंगे हालात...तुर्की में अफगानिस्तान संग वार्ता से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की धमकी

तुर्की की राजधानी अंकारा में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए उच्च-स्तरीय वार्ता हो रही है. सीमा संघर्ष और आतंकवाद के मुद्दों पर बढ़ते विवाद के बीच पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेताया कि यदि वार्ता विफल रही, तो हालात युद्ध तक पहुंच सकते हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः तुर्की की राजधानी अंकारा में आज अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता का नया दौर शुरू हो रहा है. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच हाल के हफ्तों में सीमा संघर्ष, आतंकवाद के मुद्दे और राजनीतिक तनाव अपने चरम पर पहुंच चुके हैं. इस वार्ता से दोनों पड़ोसी देशों के बीच बिगड़े रिश्तों को सुधारने की उम्मीदें तो हैं, लेकिन माहौल बेहद संवेदनशील बना हुआ है.

ख्वाजा आसिफ ने दी युद्ध की धमकी

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने वार्ता से पहले तीखा बयान देकर संकेत दे दिया है कि इस बातचीत की सफलता बेहद अहम है. उन्होंने कहा कि अगर बातचीत असफल होती है तो हालात और बिगड़ेंगे. हमारे पास अपने विकल्प मौजूद हैं. जिस तरह हमें निशाना बनाया जा रहा है, हम भी उसी तरह जवाब दे सकते हैं. जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या इसका अर्थ युद्ध से है, तो आसिफ ने साफ जवाब दिया, “हां सिर्फ युद्ध.” उनके इस बयान ने न केवल क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है, बल्कि इस्लामाबाद और काबुल के बीच कूटनीतिक संबंधों पर भी गहरा असर डाला है.

सेना और सरकार में मतभेद

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के बीच तालमेल की कमी इस संकट की एक बड़ी वजह बनी है. रिपोर्टों के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कई मामलों में सरकार को दरकिनार करते हुए अफगानिस्तान से सीधे संवाद या सैन्य कदम उठाने के संकेत दिए हैं.

अफगान तालिबान ने भी यही आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की सेना तनाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है. इस बीच, यह भी सामने आया है कि अमेरिका अफगानिस्तान के अंदर ड्रोन हमलों के लिए पाकिस्तान की हवाई सीमा का इस्तेमाल कर रहा है, और इस्लामाबाद इसे रोकने में असमर्थ साबित हो रहा है. इससे तालिबान की नाराजगी और बढ़ी है.

ट्रंप के साथ मुलाकात पर सवाल उठे

हाल ही में वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ सेना प्रमुख आसिम मुनीर की मौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि किसी लोकतांत्रिक देश की विदेश नीति में सेना की इतनी सक्रिय भागीदारी असामान्य है और इससे पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में फौज की बढ़ती दखल का संकेत मिलता है.

तनाव के बीच तुर्की की मध्यस्थता से उम्मीदें

तुर्की में शुरू हो रही यह वार्ता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात को टालने का आखिरी मौका मानी जा रही है. राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को फिर से नियंत्रण में लेने की इच्छा और पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता ने पहले ही हालात को जटिल बना दिया है.

अगर आज की बैठक में कोई ठोस सहमति नहीं बन पाती, तो क्षेत्र में एक और संघर्ष की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जैसा कि खुद पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा, “अगर वार्ता असफल हुई, तो अगला कदम सिर्फ युद्ध होगा.”

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06 November 2025, 10:16 AM IST

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