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रूस के साथ लंबी खूनी जंग के बीच ट्रंप के आगे झुके जेलेंस्की, युद्ध के बीच चुनाव कराने को तैयार...लेकिन रख दी ये शर्त

रूस के साथ युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को अमेरिका से दोहरा दबाव मिल रहा है ट्रंप चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं और शांति वार्ता के लिए रियायतें देने की शर्त रख रहे हैं. जेलेंस्की ने इसे यूक्रेन का आंतरिक मामला बताया और कहा कि सुरक्षा मिलते ही चुनाव संभव हैं.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : रूस के साथ चल रही लंबी और विनाशकारी लड़ाई के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को अमेरिका की दो तरह की अपेक्षाओं का सामना करना पड़ रहा है पहली, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चुनाव दोबारा कराने की मांग; दूसरी, शांति वार्ता में “कठिन फैसले” लेने का दबाव. ट्रंप ने एक इंटरव्यू में यह तक आरोप लगा दिया कि ज़ेलेंस्की “सत्ता से चिपके हुए” हैं क्योंकि देश में 2022 के बाद से चुनाव नहीं हुए. इसके जवाब में ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट कहा कि यूक्रेन का राजनीतिक भविष्य यूक्रेनी जनता तय करेगी, न कि कोई विदेशी सरकार और न ही अमेरिका नहीं.

चुनाव कराने की पेशकश, पर सुरक्षा गारंटी की शर्त

आपको बता दें कि ज़ेलेंस्की ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें चुनाव कराने से आपत्ति नहीं, पर युद्धकाल में मतदान तभी संभव है जब सुरक्षा, प्रबंधन और कानूनी तैयारी की पूरी गारंटी हो. उनका कहना है कि पश्चिमी सहयोगी यदि सुरक्षा सुनिश्चित करें, तो यूक्रेन तीन महीने के भीतर चुनाव आयोजित कर सकता है. लेकिन इसी बीच ट्रंप का यह कहना कि “यूक्रेन हार रहा है, इसलिए उसे रियायतें देनी होंगी”, स्थिति को और जटिल बना देता है.

शांति वार्ता पर अमेरिकी दबाव, ‘रियायतें दो’ का संदेश
वहीं, ट्रंप की टिप्पणी कि यूक्रेन को युद्धक्षेत्र में नुकसान हुआ है और “हारते हुए देशों को कुछ चीज़ें स्वीकार करनी पड़ती हैं”, सीधे तौर पर ज़ेलेंस्की पर रूस की शर्तें मानने का दबाव माना जा रहा है. जबकि ज़ेलेंस्की यूरोपीय नेताओं के साथ मिलकर एक नया, अधिक विकसित शांति प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं, जिसे जल्द अमेरिकी प्रशासन को सौंपा जाएगा.

पुतिन की शर्तें और बातचीत का बंद रास्ता
शांति प्रक्रिया का सबसे कठिन हिस्सा रूस का रुख है. हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि ज़ेलेंस्की “अब वैध राष्ट्रपति नहीं” हैं और किसी भी समझौते की शुरुआत तभी होगी जब यूक्रेन पूरा डोनबास क्षेत्र रूस को सौंप दे. ज़ेलेंस्की पहले ही कह चुके हैं कि यह मांग “पूरी तरह अस्वीकार्य” है और ऐसे प्रस्ताव पर कभी विचार नहीं किया जाएगा.

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10 December 2025, 09:11 AM IST

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