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ग्रीन टूरिज्म को बढ़ावा, प्रदूषण पर लगाम...ASEAN -भारत शिखर सम्मेलन में हुआ ऐतिहासिक फैसला

कुआलालंपुर में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में दोनों पक्षों ने सतत पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक सहयोग और स्थानीय समुदायों की भागीदारी को बढ़ावा देने की संयुक्त प्रतिबद्धता जताई.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : कुआलालंपुर में आयोजित 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भारत और आसियान देशों ने सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक संयुक्त घोषणा जारी की. दोनों पक्षों ने 1992 में स्थापित अपने संबंधों को और मज़बूत करते हुए इस साझेदारी को नए आयाम देने का वादा किया. नेताओं ने पर्यटन को आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, सांस्कृतिक समझ और सामाजिक प्रगति का अहम स्तंभ बताया.

सांस्कृतिक संबंधों और पर्यटन वर्ष 2025 की घोषणा

आपको बता दें कि भारत और आसियान नेताओं ने अपने सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी की नींव बताया. उन्होंने 2025 को ‘आसियान-भारत पर्यटन वर्ष’ घोषित करने की घोषणा की, जिससे दोनों क्षेत्रों के बीच जन-से-जन संपर्क (People-to-People Contact) और पर्यटन के नए अवसरों को बल मिलेगा.

सतत विकास लक्ष्यों से जुड़ी प्रतिबद्धता
संयुक्त बयान में कहा गया कि पर्यटन क्षेत्र संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs)  विशेषकर लक्ष्य 8 (रोजगार), 12 (सतत उपभोग) और 14 (समुद्री जीवन संरक्षण)  से सीधे जुड़ा है. भारत और आसियान देशों ने पर्यटन के हर पहलू में ग्रीन, ब्लू और सर्कुलर इकोनॉमी सिद्धांतों को अपनाने की प्रतिबद्धता जताई.

पर्यावरणीय स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार
नेताओं ने पर्यावरणीय स्थिरता को प्रमुख लक्ष्य मानते हुए “Reduce, Reuse, Recycle” मॉडल और Travel for LiFE पहल को लागू करने पर जोर दिया. उन्होंने वायु, जल और भूमि प्रदूषण घटाने, प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करने और नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने का निर्णय लिया. इस दिशा में TERI (The Energy and Resources Institute, India) और ASEAN Centre for Energy को सहयोग बढ़ाने का जिम्मा दिया गया.

स्थानीय समुदायों की भागीदारी 
घोषणा में कहा गया कि सतत पर्यटन तभी संभव है जब महिलाएं, युवा और स्थानीय समुदाय पर्यटन विकास में सक्रिय रूप से शामिल हों. इको-टूरिज्म के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जाएगी, और छोटे पर्यटन प्रदाताओं को प्रशिक्षण, निवेश और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे.

सांस्कृतिक संरक्षण और डिजिटल नवाचार
भारत और आसियान ने यह भी तय किया कि ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी. डिजिटल तकनीकों के माध्यम से पर्यटक स्थलों का आधुनिकीकरण और डेटा-आधारित योजना लागू की जाएगी. यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में नए स्थलों को शामिल करने के प्रयास भी तेज होंगे.

संयुक्त तंत्र और भविष्य की दिशा
दोनों पक्षों ने आसियान-भारत पर्यटन कार्य समूह और पर्यटन मंत्रियों की बैठक को सतत पर्यटन के प्रचार और क्रियान्वयन का प्रमुख माध्यम बनाने पर सहमति जताई. इस पहल का उद्देश्य एक ऐसा नया पर्यटन ढांचा तैयार करना है जो पर्यावरण के अनुकूल, आर्थिक रूप से स्थिर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हो.

 

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26 October 2025, 09:40 PM IST

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