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ऑस्ट्रेलियाई महिला टोया कॉर्डिंगली की हत्या के आरोप में राजविंदर सिंह दोषी, 80 लोगों की गवाही के बाद जूरी ने सुनाया फैसला

2018 में टोया कॉर्डिंगली की हत्या के मामले में भारतीय मूल के राजविंदर सिंह को क्वींसलैंड कोर्ट ने दोषी ठहराया. हत्या के बाद वह भारत भाग गया था, लेकिन 2022 में पकड़ा गया. नए ट्रायल में 80 गवाहों के बाद जूरी ने फैसला सुनाया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया में वर्षों से सुर्खियों में रहे एक हाई-प्रोफाइल मर्डर केस में आखिरकार अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. भारतीय मूल के राजविंदर सिंह को 2018 में 24 वर्षीय टोया कॉर्डिंगली की बेरहमी से हत्या करने का दोषी ठहराया गया है. क्वींसलैंड की केर्न्स सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को जूरी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय दिया.

41 वर्षीय सिंह पर आरोप था कि उन्होंने वांगेट्टी बीच पर युवा महिला पर चाकू से हमला किया और उसका गला रेतकर उसकी हत्या कर दी. अपराध करने के अगले ही दिन वह बिना किसी सूचना के ऑस्ट्रेलिया छोड़कर भारत चला गया और लगभग चार वर्षों तक कानून से बचता रहा. हालांकि, 2022 में उसकी गिरफ्तारी के बाद मामला दोबारा तेजी से आगे बढ़ा और अब अदालत ने उसे दोषी करार दे दिया है.

वारदात की रात क्या हुआ था?

21 अक्टूबर 2018 की शाम टोया कॉर्डिंगली अपने पालतू कुत्ते के साथ टहलने के लिए क्वींसलैंड के शांत और सुंदर वांगेट्टी बीच पर गई थीं. नियमित दिन की तरह यह एक सहज सैर होनी थी, लेकिन बीच पर मौजूद राजविंदर सिंह ने उन पर अचानक हमला कर दिया.

जांच में सामने आया कि सिंह ने पहले टोया पर चाकू से कई वार किए और फिर उनका गला रेत दिया. हत्या के बाद वह घटनास्थल से भाग निकला. रात तक टोया के घर न लौटने पर उनके पिता ने उनकी खोजबीन शुरू की. अगली सुबह टोया का शव रेत पर पड़ा मिला, जबकि उनका कुत्ता पास के एक पेड़ से बंधा हुआ और जिंदा पाया गया. यह दृश्य बेहद दर्दनाक और चौंका देने वाला था.

क्यों आया राजविंदर सिंह पर शक?

हत्या की शुरुआती जांच के दौरान ही पुलिस को राजविंदर सिंह की गतिविधियां संदिग्ध लगीं. उसकी कार की लोकेशन और टोया के फोन की आखिरी लोकेशन एक ही क्षेत्र में पाई गई. यह पुलिस के लिए पहली बड़ी कड़ी साबित हुई.

लेकिन इससे पहले कि पुलिस कोई कार्रवाई कर पाती, सिंह ने अपने दादा की बीमारी का हवाला देते हुए तत्काल ऑस्ट्रेलिया से भारत के लिए उड़ान भर ली. लगभग चार साल तक वह अलग-अलग स्थानों पर छिपकर रहता रहा.

ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने उसे पकड़ने वालों के लिए 1 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर का इनाम भी घोषित किया, जो देश के इतिहास में सबसे बड़ी इनामी घोषणाओं में से एक थी.

दिल्ली पुलिस ने दबोचा

नवंबर 2022 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने सिंह को राजधानी के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई और 2023 की शुरुआत में उसे आधिकारिक रूप से ऑस्ट्रेलिया प्रत्यर्पित किया गया. इसके बाद मामले ने अदालत में नई गति पकड़ी और सुनवाई दोबारा शुरू हुई.

गवाहों की लंबी सूची, जूरी का फैसला

नया ट्रायल 10 नवंबर 2025 को शुरू हुआ और इसमें 80 से अधिक गवाहों ने अदालत में बयान दिए. इन बयानों और सबूतों की विस्तार से जांच करने के बाद जूरी ने लगभग सात घंटे विचार-विमर्श किया और राजविंदर सिंह को दोषी करार दिया.

 

 

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09 December 2025, 01:03 PM IST

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