रूस ने यूक्रेन के साथ रोकी शांति वार्ता, यूरोपीय देशों पर लगाया बड़ा आरोप
रूस ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता पर रोक लगा दी है. रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने यूरोप पर बातचीत में बाधा डालने का आरोप लगाया है. क्रेमलिन ने शुक्रवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता में विराम लग गया है. उसने कहा कि यूरोपीय देशों पर इस प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं.

रूस और यूक्रेन के बीच चल रही शांति वार्ता इस समय ठप पड़ी हुई है. क्रेमलिन ने दावा किया है कि यूरोपीय देश इस प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं और वार्ता को आगे बढ़ने नहीं दे रहे. इसके बावजूद, रूस ने एक बार फिर अपने शांतिपूर्ण समाधान की इच्छा दोहराई है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने पत्रकारों से कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संवाद के लिए स्थापित चैनल अब भी सक्रिय हैं, लेकिन वर्तमान में वार्ता ठहराव की स्थिति में है. उन्होंने कहा कि यह कहना अधिक सटीक होगा कि फिलहाल वार्ता पर विराम लगा हुआ है. रूसी पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के मार्ग पर चलने के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन यूरोपीय देश लगातार इसमें बाधा डाल रहे हैं.
पुतिन की चेतावनी
कुछ समय पहले एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी शांति वार्ता को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी. उन्होंने कहा था कि यदि समझदारी से काम लिया जाए तो युद्ध को बातचीत के माध्यम से समाप्त करने का अवसर अभी भी मौजूद है. हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि आवश्यक हुआ तो रूस हथियारों के बल पर भी इस युद्ध को समाप्त करने में संकोच नहीं करेगा.
पुतिन ने संकेत दिया कि यदि सभी पक्ष रचनात्मक रवैया अपनाएं तो इस संघर्ष का समाधान संभव है. उन्होंने कहा कि शांति बहाल करने के लिए सभी पक्षों का सहयोग और लचीलापन जरूरी है, अन्यथा हालात और बिगड़ सकते हैं.
चीन में गैस पाइपलाइन समझौते के बाद उम्मीद की किरण
बीजिंग यात्रा के दौरान चीन के साथ एक नई गैस पाइपलाइन परियोजना पर समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद पुतिन ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें सुरंग के अंत में एक निश्चित रोशनी दिखाई दे रही है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति समझौते की दिशा में ईमानदार कोशिशों का भी उल्लेख किया.
पुतिन ने कहा कि वैश्विक शक्तियों को युद्ध समाप्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और किसी भी तरह की मध्यस्थता को सकारात्मक रूप में देखना चाहिए. उन्होंने माना कि बाहरी दबाव कम होने पर ही वार्ता आगे बढ़ सकती है.
जेलेंस्की से मुलाकात पर शर्तें
पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि वे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मास्को में मिलने को तैयार हैं, लेकिन यह बैठक तभी संभव है जब वार्ता अच्छी तरह से तैयार हो और उससे “ठोस परिणाम” निकल सकें. उन्होंने दोहराया कि बिना तैयारी की गई बैठकें केवल समय बर्बाद करेंगी.
हालांकि, कीव सरकार ने मास्को को बैठक के लिए संभावित स्थल मानने से इनकार कर दिया है. यूक्रेन के विदेश मंत्री ने इसे अस्वीकार्य करार दिया और कहा कि जब तक रूस अपनी आक्रामक नीतियां नहीं बदलता, तब तक किसी भी वार्ता का कोई औचित्य नहीं है.


