यह सब झूठ है...व्हाइट हाउस के सूत्र का चौंकाने वाला दावा, ट्रंप की टैरिफ धमकी एक 'नाटकीय शो'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 12 देशों पर संभावित 70% तक टैरिफ लागू करने की चेतावनी को लेकर व्हाइट हाउस के अंदरूनी सूत्र ने इसे “राजनीतिक नाटक” बताया है. भारत भी संभावित प्रभावित देशों में शामिल हो सकता है. विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम ट्रंप की चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से 'पारस्परिक' टैरिफ लागू करने से पहले जिन देशों के साथ व्यापार समझौते करने की बात कही गई थी, उस तय समयसीमा के नज़दीक आते ही अब व्हाइट हाउस के भीतर से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. एक सूत्र ने दावा किया है कि ये सभी टैरिफ वार्ताएं और धमकियां सिर्फ "नाटकीय प्रदर्शन" का हिस्सा हैं.
कोई वास्तविक समयसीमा नहीं है
पोलिटिको को दिए गए बयान में व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "इस टैरिफ वार्ता की कोई असली समयसीमा नहीं है. यह ट्रंप द्वारा बनाई गई एक कृत्रिम मील का पत्थर है, जिससे सिर्फ एक राजनीतिक शो तैयार किया गया है." सूत्र ने कहा कि ट्रंप को इस प्रक्रिया से मिली चर्चा और राजनीतिक लाभ का पूरा अहसास है और वे इसे इतनी आसानी से खत्म नहीं करेंगे.
टैरिफ 70% तक बढ़ाने की चेतावनी
यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप ने हाल ही में कहा कि उन्होंने 12 देशों को पत्र भेजने के लिए हस्ताक्षर किए हैं. इन पत्रों में आगामी टैरिफ नियमों की जानकारी दी गई है, जो राष्ट्रपति के अनुसार 1 अगस्त 2025 से लागू हो सकते हैं. ट्रंप ने इस प्रस्ताव को "स्वीकार करें या छोड़ दें" करार दिया है. उन्होंने पत्र प्राप्त करने वाले देशों के नामों का खुलासा नहीं किया, लेकिन यह जरूर बताया कि अब टैरिफ दरें 50% से बढ़कर 70% तक हो सकती हैं. उनके अनुसार, "हर देश के लिए अलग-अलग टैरिफ और राशि निर्धारित की गई है."
भारत भी प्रभावित देशों में हो सकता है शामिल
नई दिल्ली में मौजूद अधिकारियों के अनुसार, भारत उन संभावित 12 देशों की सूची में शामिल हो सकता है जिन्हें ट्रंप के हस्ताक्षरित पत्र मिलेंगे. भारत और अमेरिका के बीच बीते कुछ महीनों से व्यापार समझौते को लेकर गहन वार्ताएं चल रही थीं, लेकिन कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आ पाया. एक अधिकारी ने बताया, "अगर भारत का नाम सूची में आता है तो यह हैरानी की बात नहीं होगी, क्योंकि मार्च 2025 से अब तक हुई चर्चाओं में ट्रंप प्रशासन को कोई ठोस संतुष्टि नहीं मिल सकी है."
चुनावी रणनीति या असली व्यापार नीति?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ रणनीति आंशिक रूप से चुनावी रणनीति का हिस्सा भी हो सकती है. आक्रामक टैरिफ की घोषणा और पत्र भेजना जनता और मीडिया का ध्यान खींचने का एक तरीका हो सकता है. हालांकि, विशेषज्ञ यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि यदि यह नीति वास्तव में लागू होती है, तो इससे वैश्विक व्यापार संबंधों पर गहरा असर पड़ सकता है. खासकर भारत जैसे विकासशील देशों के लिए.