ट्रंप की नई धमकी से मचा हड़कंप! अमेरिका अगर चढ़ बैठा तो वेनेजुएला की सेना कितना देर टिकेगी?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि ड्रग्स तस्करी करने वाली नावों के खिलाफ चल रहा अमेरिकी सैन्य अभियान अब सिर्फ समुद्र तक सीमित नहीं रहेगा. ट्रंप ने साफ कहा है कि ये ऑपरेशन जल्द ही वेनेजुएला की सरजमीं के अंदर घुसकर बड़े हमले का रूप ले सकते हैं. मतलब, कोकीन और दूसरे नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोहों और उन्हें संरक्षण देने वाले लोगों पर अब सीधे अंदरूनी इलाकों में प्रहार हो सकता है.

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को वेनेजुएला के ऊपर और आसपास के हवाई क्षेत्र को पूरी तरह बंद माना जाए, यह कहते हुए नई चेतावनी जारी की. हालांकि उन्होंने इसका कोई विस्तृत कारण नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि यह संकेत वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार पर बढ़ते अमेरिकी दबाव का हिस्सा है. रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने हाल ही में यह भी इशारा किया है कि कथित ड्रग-तस्करी नौकाओं के खिलाफ कैरेबियन और प्रशांत महासागर में चल रही अमेरिकी कार्रवाइयां जिनमें 80 से अधिक लोग मारे गए आगे चलकर वेनेजुएला के भीतर भी सैन्य हमलों का रूप ले सकती हैं.
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ट्रंप और मादुरो के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें दोनों नेताओं ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति की संभावित अमेरिका यात्रा पर भी चर्चा की. इस बीच, कई सूत्रों ने बताया है कि खराब प्रशिक्षण, कम वेतन और पुरानी सैन्य तकनीक के कारण वेनेजुएला की सशस्त्र सेनाएं अमेरिकी सेना की तुलना में काफी कमजोर स्थिति में हैं.
क्या अमेरिका के हमले का जवाब देने में सक्षम है वेनेजुएला?
रिपोर्ट बताती है कि मादुरो ने वफादारी बनाए रखने के लिए सेना के कई अधिकारियों को सरकारी पदों पर नियुक्त किया है, लेकिन जमीनी स्तर पर सैनिकों की हालत दयनीय है. आम सैनिकों को स्थानीय मुद्रा में लगभग 100 डॉलर प्रति माह मिलते हैं, जो एक परिवार के बुनियादी खर्च के करीब पांचवे हिस्से के बराबर बताया गया है.
सूत्रों का कहना है कि यदि अमेरिका हमला करता है तो पहले से जारी भगोड़ों की संख्या कई इकाइयों में और बढ़ सकती है. हाल के वर्षों में वेनेजुएला की सेना का अधिकांश अनुभव प्रदर्शनकारियों से निपटने में रहा है, जहां उन्हें मुख्य रूप से निहत्थे नागरिकों से सामना करना पड़ता है. मादुरो का दावा है कि करीब 80 लाख नागरिक मिलिशिया प्रशिक्षण ले रहे हैं, लेकिन एक सूत्र ने अनुमान लगाया कि वास्तविक रक्षा में सिर्फ कुछ हजार खुफिया एजेंट, हथियारबंद सत्तारूढ़ पार्टी समर्थक और सीमित संख्या में मिलिशिया शामिल होंगे.
सैन्य हार्डवेयर भी दशकों पुराना है. वेनेजुएला ने 2000 के दशक में लगभग 20 सुखोई लड़ाकू विमान खरीदे थे, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार वे अमेरिकी B2 विमानों जैसे लड़ाकों का मुकाबला करने में सक्षम नहीं माने जाते. इसी तरह रूसी-निर्मित हेलीकॉप्टर, टैंक और मिसाइल सिस्टम भी पुराने हैं.
संभावित हमले पर वेनेजुएला की रणनीति क्या होगी?
रिपोर्ट के अनुसार, योजना दस्तावेजों और सूत्रों का कहना है कि अगर अमेरिका हवाई या जमीनी हमला करता है तो कराकस छापामार शैली की लड़ाई और व्यापक अव्यवस्था पैदा करने की रणनीति अपना सकता है. अधिकारियों ने सार्वजनिक तौर पर लंबे प्रतिरोध की बात कही है. व्यावहारिक रूप से इसका अर्थ होगा कि 280 से अधिक स्थानों से छोटे सैन्य समूह गुप्त अभियानों, तोड़फोड़ और गुरिल्ला रणनीतियों का इस्तेमाल करेंगे. वेनेजुएला ने लगभग 5,000 रूसी-निर्मित इगला मिसाइल तैनात की हैं, जिनका मादुरो ने हाल ही में टीवी पर उल्लेख किया था.
एक सूत्र ने कहा कि सैन्य आदेशों के तहत हमले की स्थिति में इकाइयों को बिखरकर तय स्थानों पर छिपने का निर्देश दिया गया है. रिपोर्ट में वर्णित एक अलग रणनीति anarchization नाम से जानी जाती है, जिसे अधिकारी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं करते. इसके तहत खुफिया एजेंसियां और सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हथियारबंद समूह कराकस में अराजकता फैलाकर शासन को असंभव बनाने का प्रयास करेंगे.
देश के पश्चिमी हिस्सों में कोलंबियाई गुरिल्ला समूह, जिनमें नेशनल लिबरेशन आर्मी भी शामिल है, सक्रिय हैं. यह क्षेत्र कोका उत्पादन का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है. वहीं, सरकार समर्थक colectivos अक्सर मोटरसाइकिल समूहों में प्रदर्शनकारियों को रोकने पहुंचते हैं और कई बार हथियारबंद भी होते हैं. विपक्षी दल, एनजीओ, अमेरिका और कई लैटिन अमेरिकी सरकारें वेनेजुएला की सेना और मादुरो सरकार पर ड्रग-तस्करी नेटवर्क से जुड़ाव का आरोप लगाती रही हैं, जिसे सरकार खारिज करती है और कहती है कि अमेरिका तेल संसाधनों पर नियंत्रण पाने के लिए शासन परिवर्तन की साजिश रच रहा है.


