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रविवार व्रत में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना नाराज हो जाएंगे सूर्यदेव, जानें पूजा का सही विधि और उपाय

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सप्ताह का पहला दिन यानी रविवार भगवान सूर्यदेव को समर्पित है. इस दिन किया गया व्रत न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि जीवन में समृद्धि और आत्मबल का संचार भी करता है. कहा जाता है कि सूर्य देव की विशेष कृपा से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और हर कार्य में सफलता मिलती है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: रविवार का व्रत हिंदू परंपरा में सूर्य देव को समर्पित माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह व्रत न सिर्फ धन, सम्मान और सुख-समृद्धि प्रदान करता है, बल्कि मानसिक मजबूती और आत्मविश्वास भी बढ़ाता है. कहा जाता है कि नियमित रूप से रविवार का व्रत करने से कुंडली में कमजोर सूर्य मजबूत होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

श्रद्धा से किए गए इस व्रत से व्यक्ति के जीवन में बार-बार आने वाली रुकावटें दूर होती हैं. ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव की उपासना करने से तनाव कम होता है और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं. इस व्रत का उद्देश्य शरीर, मन और जीवन में उन्नति की कामना करना होता है.

पूजा में न करें ये भूल

रविवार की पूजा में देर से उठना, स्नान न करना और सूर्य को जल अर्पित किए बिना व्रत शुरू करना अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि पूजा के समय लाल चंदन, लाल फूल या शुद्ध जल के बिना अर्घ्य देने से शुभ फल प्राप्त नहीं होते. बिना पूजन सामग्री के अर्घ्य देना व्रत की शुद्धता को भी कम करता है.

रविवार की पूजा में सूर्य मंत्र का जाप अनिवार्य माना जाता है. अगर आप इस दिन जाप छोड़ देते हैं तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. वहीं गलत उच्चारण पूजा के महत्व को कम कर देता है. तामसिक भोजन और नमक वाला भोजन इस दिन वर्जित है. पूजा के बाद परिक्रमा करना, कथा सुनना और अंत में आरती करना शास्त्रीय नियमों के अनुसार आवश्यक है. धार्मिक विश्वास के मुताबिक, रविवार की पूजा के बाद दान करना व्रत के फल को कई गुना बढ़ा देता है.

स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना का व्रत

मान्यता है कि रविवार का व्रत शरीर के कष्ट, नेत्र रोग और चर्म रोगों में राहत देता है तथा जीवन में तेज और ऊर्जा प्रदान करता है. यह व्रत समाज में सम्मान, प्रतिष्ठा और यश भी दिलाता है. आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने में भी यह व्रत सहायक माना जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है.

इस व्रत के प्रभाव से घर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा आती है. श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है. रविवार का व्रत सूर्य ग्रह की कमजोर स्थिति को मजबूत करता है, जिससे करियर में आ रही बाधाएं दूर होने लगती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत स्त्रियों को संतान 
सुख का आशीर्वाद भी देता है.

इन मंत्रों का करना चाहिए जाप

रविवार व्रत के दौरान "ॐ घृणि सूर्याय नमः" और "ॐ सूर्याय नमः" का जाप करना शुभ माना गया है. मान्यता है कि इन मंत्रों के उच्चारण से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

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30 November 2025, 07:49 AM IST

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