ट्रंप-पुतिन की फोन पर एक घंटे लंबी बात, दोनों ने माना खत्म होना चाहिए इजरायल-ईरान संघर्ष
Trump Putin on Israel-Iran Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शनिवार को एक घंटे लंबी फोन पर बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध को खत्म करने पर सहमति जताई. इस बातचीत में यूक्रेन युद्ध और कैदियों की अदला-बदली जैसे अहम मुद्दे भी शामिल रहे.

Trump Putin on Israel-Iran Conflict: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शनिवार को एक घंटे लंबी फोन पर बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध को समाप्त करने की आवश्यकता पर सहमति जताई. यह कॉल पुतिन की ओर से ट्रंप को उनके 79वें जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए की गई थी, लेकिन बातचीत का फोकस पश्चिम एशिया और यूक्रेन युद्ध पर भी रहा.
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर जानकारी दी कि "राष्ट्रपति पुतिन ने आज सुबह फोन कर मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं, लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण था ईरान पर चर्चा करना, जिसे वह अच्छी तरह से जानते हैं." ट्रंप ने आगे लिखा, "वे मानते हैं, और मैं भी, कि इजरायल-ईरान का यह युद्ध समाप्त होना चाहिए. मैंने उन्हें समझाया कि उनका युद्ध (यूक्रेन) भी समाप्त होना चाहिए."
पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव
शुक्रवार को इजरायल ने ईरान पर बड़ा हमला कर दिया, जिससे क्षेत्र में तनाव और अधिक बढ़ गया. इस हमले की मास्को ने कड़ी निंदा की और कीव में भी इससे बेचैनी महसूस की गई. रविवार को इजरायल ने सीधे ईरान की ऊर्जा और रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पर हमले किए. इसके जवाब में ईरान ने भी मिसाइलों से हमला किया, जिसमें कम से कम चार लोगों के मारे जाने की खबर है.
लगातार तीसरे दिन संघर्ष जारी
यह लगातार तीसरी रात थी जब दोनों देशों के बीच तनाव खुलकर सामने आया. शुक्रवार की सुबह इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन (Operation Rising Lion) की शुरुआत करते हुए ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने की दिशा में कदम उठाए.
इसके जवाब में ईरान ने शनिवार को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 (Operation True Promise 3) की शुरुआत की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि संघर्ष और अधिक गंभीर रूप ले सकता है.
वैश्विक समुदाय की चिंता
इजरायल-ईरान संघर्ष को लेकर दुनिया भर में चिंता का माहौल है. विभिन्न देशों को डर है कि इस टकराव से पूरा पश्चिम एशिया अस्थिर हो सकता है. अब सभी की निगाहें 22 जून के बाद की संभावित अमेरिका-रूस वार्ता पर टिकी हैं, जिसमें यूक्रेन युद्ध पर ठोस बात होने की संभावना है.


