ईरान पर हमलों को लेकर ट्रंप का बयान, बोले- 'इजरायल को रोकना मुश्किल'
Trump on Israel Iran conflict: डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इजरायल को ईरान पर हवाई हमले रोकने के लिए कहना इस समय बेहद मुश्किल है. उन्होंने इजरायल की सैन्य बढ़त का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे हालात में युद्धविराम की अपील करना आसान नहीं होता.

Trump on Israel Iran conflict: ईरान और इजरायल के बीच जारी खूनी संघर्ष के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. ट्रंप ने कहा है कि इजरायल को ईरान पर हवाई हमले रोकने के लिए कहना इस समय बेहद कठिन है. उन्होंने साफ किया कि मौजूदा सैन्य स्थिति को देखते हुए इजरायल को रोकने की मांग करना एक जटिल कूटनीतिक फैसला होगा.
शुक्रवार को न्यू जर्सी के मोरिस्टाउन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि इजरायल इस समय सैन्य रूप से मजबूत स्थिति में है और इसी कारण संघर्ष को रोकने की मांग करना आसान नहीं है. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब संयुक्त राष्ट्र समेत कई देश दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील कर रहे हैं.
इजरायल की सैन्य बढ़त बनी वजह
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि इस समय यह अनुरोध करना बहुत कठिन है. अगर कोई जीत रहा है, तो उसे रोकना हारने वाले की तुलना में कहीं अधिक मुश्किल होता है. लेकिन हम तैयार हैं, इच्छुक हैं और सक्षम हैं, और हम ईरान से बात कर रहे हैं. देखते हैं आगे क्या होता है."
ट्रंप ने आगे कहा, "जब आप स्थिति को देखते हैं, तो इसे रोकना बहुत कठिन है. इजरायल युद्ध के लिहाज से अच्छा कर रहा है और ईरान की स्थिति उससे कमजोर है. ऐसे में किसी को रोकना थोड़ा मुश्किल होता है."
ईरान से जारी है बातचीत, लेकिन कोई ठोस उम्मीद नहीं
राष्ट्रपति ट्रंप ने पुष्टि की कि अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत जारी है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि निकट भविष्य में किसी ठोस नतीजे की उम्मीद नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, "हम तैयार हैं, इच्छुक हैं और सक्षम हैं, और हम ईरान से बातचीत कर रहे हैं. देखते हैं क्या होता है. मैं कहूंगा कि दो हफ्ते का वक्त पर्याप्त होगा यह देखने के लिए कि लोग होश में आते हैं या नहीं."
यूरोप पर साधा निशाना
ट्रंप ने यूरोपीय देशों की मध्यस्थता कोशिशों को खारिज करते हुए कहा, "ईरान यूरोप से बात नहीं करना चाहता. वे हमसे बात करना चाहते हैं. यूरोप इस मामले में कोई मदद नहीं कर पाएगा." उन्होंने खुद को एक शांति समर्थक नेता के रूप में पेश करते हुए 2003 में इराक पर हुए अमेरिकी हमले की तुलना मौजूदा हालात से करने से इनकार कर दिया. ट्रंप ने कहा, "वहां कोई हथियार नहीं थे. मैंने कभी नहीं सोचा कि वहां थे. वह समय पूर्व-परमाणु युग का था, आज की स्थिति उससे कहीं अलग है."
ईरान के पास भारी मात्रा में परमाणु सामग्री
ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, "अब तक जो परमाणु सामग्री उन्होंने इकट्ठा की है, उसे देखकर लगता है कि मैं सही था. यह मात्रा बहुत अधिक है."
इस बीच, दोनों देशों में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मानवाधिकार कार्यकर्ता न्यूज एजेंसी के अनुसार, इजरायल के हवाई हमलों में अब तक ईरान में 639 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक भी शामिल हैं. वहीं, ईरान के जवाबी मिसाइल हमलों में इजरायल में 24 नागरिकों की जान जा चुकी है.


