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इजराइल-ईरान को छोड़िए, अब इस देश में भड़की युद्ध की चिंगारी

सर्बिया में छात्रों का आंदोलन 8 महीने रेल हादसे के बाद शुरू हुआ, अब राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है.हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Serbia Country:  यूरोप में एक बार फिर तनाव की लहर दौड़ गई है, जहां एक देश में युद्ध की चिंगारी भड़क गई हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी सहयोगी से जुड़ा यह मामला वैश्विक कूटनीति और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. 
पिछले कुछ समय से वैश्विक मंच पर इजराइल और ईरान के बीच तनाव सुर्खियों में रहा है, लेकिन अब यूरोप का यह उभरता नया संकट दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. खबरों के अनुसार, इस देश में अचानक भड़के तनाव ने न केवल स्थानीय राजनीति को हिलाकर रख दिया है, बल्कि रूस के प्रभावशाली नेता पुतिन के करीबी सहयोगी की सत्ता को भी खतरे में डाल दिया है. इस खबर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चौंका दिया है.

यूरोप में अस्थिरता की नई लहर

सर्बिया में छात्रों का आंदोलन सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. 8 महीने पहले रेलवे स्टेशन पर हुए एक हादसे से निकली चिंगारी, अब बगावत के शोलों में बदल गई है. सर्बिया के राष्ट्रपति का तख्तापलट करने के लिए हजारों छात्र सड़कों पर उतर गए हैं और का एक शांत देश अब खून से लाल है.

हादसे में कितने लोग मारे गए थे?

सर्बिया में चल रहे युद्ध की ये चिंगारी 8 महीने पहले एक हादसे के बाद भड़की थी. 1 नवबंर 2024 को नोवी साड शहर में एक रेलवे स्टेशन की छत के गिरने से 16 लोगों की जानें चली गई थी. इस घटना ने सर्बियाई सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़क रहा गुस्सा फूट पड़ा. जिसका विरोध प्रदर्शनों छात्र कर रहे हैं और अब छात्रों के नेतृत्व में ये गुस्सा, अब राष्ट्रपति वुसिक की तानाशाही के खिलाफ राष्ट्रीय विद्रोह में बदल चुका है. और अब ये आंदोलन इतना बड़ा हो चुका है कि दवाब में सर्बिया के प्रधानमंत्री मिलोस वुचेविच इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन राष्ट्रपति वुसिक अब भी सत्ता पर अड़े हुए हैं.


वैश्विक मंच पर बढ़ता तनाव

यह नया विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब विश्व पहले से ही कई संकटों से जूझ रहा है. मध्य पूर्व में इजराइल और ईरान के बीच तनाव के बाद अब यूरोप में इस तरह की अस्थिरता ने वैश्विक शक्तियों को सतर्क कर दिया है. क्या यह स्थिति रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव को और बढ़ाएगी? विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना का असर न केवल यूरोप, बल्कि नाटो और अन्य वैश्विक संगठनों पर भी पड़ सकता है.

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30 June 2025, 01:26 PM IST

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