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पेरिस योजना क्या है? रूस की बढ़ी टेंशन, 30 देश हो रहे इकट्ठा

रूस के लिए यह योजना गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय बल यूक्रेन के लिए रूस के हमलों को विफल करने और किसी भी युद्ध विराम के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया जाएगा. यह संदेश भी स्पष्ट रूप से है कि यूरोपीय देशों को अब अपनी सुरक्षा नीतियों में अमेरिका की आवश्यकता नहीं है. 

What is Paris Plan: फ्रांस की राजधानी पेरिस में 11 मार्च को 30 से ज्यादा देशों के सैन्य अधिकारी एक बैठक में इकट्ठा होने जा रहे हैं. इस बैठक में, यूक्रेन की रक्षा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल के गठन पर चर्चा की जाएगी, जिसका उद्देश्य युद्ध विराम के बाद रूस के किसी भी नए आक्रमण को रोकना है. 

इस बैठक में यूरोपीय और एशियाई देशों के सैन्य अधिकारी शामिल होंगे, जो डिजिटल माध्यम से जुड़ेंगे. हालांकि, अमेरिका को इस बैठक के लिए न्योता नहीं भेजा गया है, और यह यूरोपीय देशों का संदेश है कि वे US के बिना भी यूक्रेन के लिए सुरक्षा ढांचा तैयार कर सकते हैं. 

तीस देश के साथ करेंगे बैठक

बैठक के दौरान, फ्रांस और ब्रिटेन के सैन्य अधिकारी एक ब्लूप्रिंट पेश करेंगे, जिसमें उस सुरक्षा बल की रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी. यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल विशेष रूप से रूस के हमलों को रोकने के लिए तैयार किया जाएगा, जिसमें अत्याधुनिक हथियार, लड़ाकू विमान और युद्ध पोत शामिल हो सकते हैं. 

ये देश हो रहे शामिल

इस योजना के तहत, नाटो के सदस्य देशों के लगभग सभी चीफ ऑफ स्टाफ इसमें भाग लेंगे, लेकिन अमेरिका, क्रोएशिया और मोंटेनेग्रो को बैठक से बाहर रखा गया है. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे राष्ट्रमंडल और अन्य देशों के प्रतिनिधि भी ऑनलाइन जुड़ेंगे. 

इस बैठक में, 30 से ज्यादा देशों के सैन्य अधिकारी यह तय करेंगे कि उनके देश किस तरह से इस बल में योगदान कर सकते हैं. यूक्रेन का प्रतिनिधित्व एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी द्वारा किया जाएगा, जो देश की सुरक्षा और रक्षा परिषद का सदस्य है.

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10 March 2025, 11:55 PM IST

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