आसिम मुनीर करेंगे तख्तापलट? जरदारी की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा! अटकलों पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी
पाकिस्तान की सियासत में हलचल तेज हो गई है. तख्तापलट की अफवाहें जोर पकड़ रही हैं. चर्चा है कि सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की कुर्सी पर नजर गड़ाए बैठे हैं. इस बीच सरकार ने बयान जारी कर इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है.

Asim Munir Pakistan: पाकिस्तान की सियासत इन दिनों गर्माई हुई है. चर्चाएं हैं कि फील्ड मार्शल बने सेना प्रमुख आसिम मुनीर सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की कुर्सी पर उनकी नजर है. इन दावों के बीच सोशल मीडिया पर तख्तापलट की खबरें वायरल हो गईं, लेकिन अब पाकिस्तान सरकार ने इस पर आधिकारिक बयान जारी कर इन अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया है.
गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इन अटकलों को निराधार करार देते हुए साफ किया है कि राष्ट्रपति से इस्तीफे की कोई मांग नहीं की गई है और न ही सेना प्रमुख मुनीर का राष्ट्रपति बनने का कोई इरादा है. नकवी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए उन ताकतों को भी आड़े हाथों लिया जो इस तरह के दुर्भावनापूर्ण कैंपेन चला रहे हैं.
तख्तापलट की अटकलों पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोहसिन नकवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "हमें पता है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर के खिलाफ दुर्भावना से भरे कैंपेन के पीछे कौन है. मैंने साफ कहा है कि राष्ट्रपति को इस्तीफा देने के लिए किसी ने नहीं कहा और न ही आर्मी चीफ राष्ट्रपति बनने की ख्वाहिश रखते हैं."
गौरतलब है कि भारत में पाकिस्तान के अधिकांश नेताओं और सेलिब्रिटी के सोशल मीडिया अकाउंट प्रतिबंधित हैं, इसी कारण नकवी की पोस्ट भारतीय यूजर्स को नहीं दिख रही है.
फील्ड मार्शल बनने के बाद बढ़ी मुनीर की ताकत
आसिम मुनीर को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ मिली शिकस्त के बाद पाकिस्तान का दूसरा फील्ड मार्शल बनाया गया. इस पदोन्नति के साथ उनकी ताकत और प्रभाव दोनों बढ़ गए. यही वजह रही कि सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि मुनीर अब सत्ता में दखल देने लगे हैं और राष्ट्रपति बनने की इच्छा रखते हैं. हालांकि, अब सरकार ने इन सभी दावों पर विराम लगा दिया है.
बयानबाजी के चलते चर्चा में मुनीर
साल 2022 में आसिम मुनीर को तीन साल के लिए पाकिस्तान का सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल बाद में बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया. मुनीर अक्सर अपने तीखे बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं. विशेषकर भारत के खिलाफ उन्होंने कई बार विवादास्पद टिप्पणियां की हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी उन्होंने भारत को लेकर कई तीखे बयान दिए थे, जिसके चलते वे भारतीय मीडिया में भी सुर्खियों में रहे.


