यदि सर्दियो में खा रहे ज्यादा मटर, जानो कैसे इसका स्वादिष्ट आपकी सेहत को कर सकता है नुकसान
मटर में फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं जो हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, लेकिन बहुत अधिक मटर खाने से गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

मटर का नाम सुनते ही कुछ लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। सर्दी का मौसम हो और मटर की सब्जी न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। मेथी युक्त मटर, मटर कचौरी, मटर पुलाव, मटर पनीर... और कई अन्य सब्जियां। सर्दियों का स्वाद इन व्यंजनों के बिना अधूरा लगता है। आइये इस लेख में अधिक मटर खाने के 5 प्रमुख दुष्प्रभावों के बारे में जानें।
यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना
मटर में प्यूरीन नामक पदार्थ होता है, जो शरीर में टूटकर यूरिक एसिड बनाता है। यूरिक एसिड का उच्च स्तर गाउट और गुर्दे की पथरी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए, गठिया या गुर्दे की समस्याओं से पीड़ित लोगों को मटर का सेवन सीमित करना चाहिए या पूरी तरह से त्याग देना चाहिए।
वजन कम करने में कठिनाई
मटर में कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च अधिक मात्रा में होता है। यद्यपि ये पोषक तत्व ऊर्जा प्रदान करते हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन करने से वजन बढ़ सकता है, विशेष रूप से जब इन्हें अन्य उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों के साथ मिलाया जाए।
कब्ज़ की शिकायत
मटर में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो पाचन में सहायक होता है, लेकिन अधिक फाइबर के सेवन से पेट फूलना, गैस, कब्ज या दस्त हो सकता है। इसके अलावा मटर में कुछ प्रकार की चीनी भी होती है जिसे पचाने में शरीर को अधिक समय लगता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
एलर्जी का खतरा
कुछ लोगों को मटर से एलर्जी हो सकती है। मटर से एलर्जी के लक्षणों में मुंह या गले में खुजली, सूजन, दाने, पेट दर्द, उल्टी, दस्त और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। यदि आपको मटर खाने के बाद इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मटर कब और कितनी मात्रा में खानी चाहिए?
अगर आप स्वस्थ हैं और आपको कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है, तो आप सीमित मात्रा में मटर का सेवन कर सकते हैं। पके हुए मटर कच्चे मटर की तुलना में पचाने में आसान होते हैं। पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखने के लिए मटर को चावल, दाल या सलाद के साथ मिलाकर खाएं।


