भारत में 80-90% महिलाएं विटामिन D की कमी का शिकार, जानें लक्षण और बचाव के आसान उपाय
क्या आप जानते हैं कि भारत में लगभग 80-90% महिलाएं विटामिन D की कमी का सामना कर रही हैं? जी हां, ये आंकड़ा इतना चौंकाने वाला है कि ज्यादातर महिलाएं बिना पता चले ही इसकी चपेट में हैं.

नई दिल्ली: भारत को धूप से भरपूर देश माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद यहां विटामिन D की कमी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, खासकर महिलाओं के बीच. कई रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार, देश की लगभग 80–90 प्रतिशत महिलाएं विटामिन D की कमी से जूझ रही हैं, जो आने वाले समय में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, महिलाओं में इस कमी की सबसे बड़ी वजह धूप में कम समय बिताना, शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनना और डाइट में विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थों की कमी है. अक्सर इसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, जो आगे चलकर हड्डियों, इम्युनिटी और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं.
शरीर में विटामिन D का सही लेवल कितना होना चाहिए
स्वास्थ्य मानकों के अनुसार, जब शरीर में विटामिन D का स्तर 20 ng/mL से कम हो जाता है, तो इसे कमी माना जाता है. वहीं, 12 ng/mL से नीचे का स्तर गंभीर स्थिति को दर्शाता है और तत्काल इलाज की जरूरत होती है. 30 ng/mL या उससे अधिक का स्तर सामान्य और सुरक्षित माना जाता है.
महिलाओं में विटामिन D की कमी का सबसे बड़ा लक्षण
हड्डियों और जोड़ों में दर्द
पीठ, कमर, कूल्हों, पैरों या पसलियों में लगातार गहरा दर्द विटामिन D की कमी का संकेत हो सकता है. इसकी कमी से हड्डियां कमजोर और नरम होने लगती हैं, जिसे ऑस्टियोमलेशिया कहा जाता है. मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हड्डी टूटने का खतरा और बढ़ जाता है. अक्सर इस दर्द को उम्र बढ़ने का असर मान लिया जाता है, जबकि असल कारण कैल्शियम और विटामिन D की कमी होती है.
मूड स्विंग्स और नींद की परेशानी
विटामिन D दिमाग में खुश रहने वाले हार्मोन सेरोटोनिन को संतुलित रखने में मदद करता है. इसकी कमी से चिड़चिड़ापन, उदासी, घबराहट और एकाग्रता की कमी हो सकती है. इसके साथ ही नींद न आना या बार-बार नींद टूटना भी आम समस्या बन जाती है. कम धूप में रहना, नाइट शिफ्ट और प्रदूषण इस स्थिति को और गंभीर बना देते हैं.
कमजोर इम्युनिटी और देर से रिकवरी
बार-बार सर्दी, खांसी या फ्लू होना और बीमारी से देर से ठीक होना कमजोर इम्युनिटी का संकेत है. घावों का देर से भरना भी विटामिन D की कमी से जुड़ा हो सकता है. जिन महिलाओं में इसकी कमी होती है, उनके बच्चों में भी हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.
विटामिन D की कमी के अन्य संकेत
बालों का ज्यादा झड़ना, बिना वजह वजन बढ़ना, अधिक पसीना आना, ब्लड प्रेशर का बढ़ना, दांतों में कैविटी या मसूड़ों से खून आना, हाथ-पैरों में झनझनाहट, त्वचा का पीला पड़ना और भूख कम लगना. ये सभी लक्षण शरीर में विटामिन D की कमी की ओर इशारा करते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
विटामिन D की कमी को पूरा करने के लिए महिलाएं क्या करें
सबसे पहले शरीर में विटामिन D का स्तर जानने के लिए ब्लड टेस्ट कराना जरूरी है. डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन D सप्लीमेंट लें. रोजाना 10 से 30 मिनट तक दोपहर की धूप में हाथ और चेहरा खुला रखकर बैठें. इसके अलावा डाइट में अंडा, मछली, फोर्टिफाइड दूध, दही और पनीर को शामिल करें.


