अब परफ्यूम भी दिलाएगा गहरी नींद! सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा 'बेडटाइम फ्रेगरेंस'
अब परफ्यूम सिर्फ महकने या इंप्रेशन जमाने का जरिया नहीं रह गया है, बल्कि यह अच्छी नींद पाने के रूटीन का अहम हिस्सा बनता जा रहा है. सोशल मीडिया पर 'बेडटाइम परफ्यूम्स' का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है, जहां लोग अपनी पसंदीदा खुशबूओं को सोने से पहले इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि उन्हें सुकून भरी नींद मिल सके.

अब परफ्यूम सिर्फ डेट नाइट या पार्टी के लिए नहीं रह गया है. बदलती आदतों और सोशल मीडिया ट्रेंड्स के बीच परफ्यूम अब ‘स्लीप मैक्सिंग’ यानी अच्छी नींद लाने वाले रूटीन का हिस्सा बनता जा रहा है. रिसर्च और विशेषज्ञों की मानें तो कुछ खास खुशबूएं न सिर्फ मूड को बेहतर बनाती हैं, बल्कि आपको शांति से सुला भी सकती हैं.
इंस्टाग्राम और रेडिट जैसी प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने अपने 'बेडटाइम फ्रेगरेंस' रिवील करने शुरू कर दिए हैं. आज की युवा पीढ़ी चाहती है कि उनकी परफ्यूम सिर्फ खुशबू न दे, बल्कि मानसिक स्थिति पर भी असर डाले, कभी कॉन्फिडेंस बढ़ाए, तो कभी स्ट्रेस कम करे.
क्यों खास हैं सोने से पहले लगाए जाने वाले परफ्यूम?
जब हम कोई खुशबू सूंघते हैं, तो हमारी ब्रेन उस सेंट को यादों और इमोशन्स से जोड़ देती है. यही कारण है कि कुछ खुशबूएं हमें रिलैक्स कर देती हैं, तो कुछ से हम नॉस्टैल्जिक फील करते हैं. इस साइकोलॉजिकल कनेक्शन को अब परफ्यूम ब्रांड्स वैज्ञानिक रूप से समझकर 'न्यूरो-सेंट' तैयार कर रहे हैं.
रिसर्च भी कर रहा है सपोर्ट
दुनियाभर के कई परफ्यूम ब्रांड अब न्यूरोसाइंटिस्ट्स के साथ मिलकर ऐसी खुशबुएं बना रहे हैं जो स्ट्रेस घटाएं और नींद बेहतर करें. Estée Lauder ने हाल ही में अपना पहला ग्लोबल स्लीप साइंस एडवाइजर Dr. Matthew Walker नियुक्त किया है. वहीं, ब्रांड Edeniste ने अपनी 'De-Stress Accord' खुशबू पर स्टडी की, जिसमें यूज़र्स में तनाव के स्तर में स्पष्ट गिरावट देखी गई.
यूजर्स का अनुभव
Reddit पर एक यूज़र लिखते हैं, “हाल ही में मैं सोते वक्त परफ्यूम लगाने लगा हूं क्योंकि मुझे एंज़ायटी रहती है और इससे मुझे सुकून मिलता है.” एक और ने लिखा, “बिना परफ्यूम लगाए अब मैं सो नहीं सकता. यह मेरी नाइटटाइम रूटीन का सबसे प्यारा हिस्सा बन चुका है.”
डॉक्टर भी मानते हैं इस ट्रेंड को फायदेमंद
डॉ. मंJunath MK, ENT सर्जन (Bengaluru) के अनुसार, “कुछ सौम्य खुशबुएं नींद लाने में मदद करती हैं. लेकिन ज़्यादा मात्रा में इन्हें लगाने से जलन या एलर्जी हो सकती है.” वहीं, डॉ. उज्ज्वल पारख (Sir Ganga Ram Hospital, Delhi) कहते हैं, “जैसे लैवेंडर, सैंडलवुड और सीडरवुड जैसी खुशबुएं नर्वस सिस्टम को शांत करके नींद को बेहतर कर सकती हैं.”
कौन-सी खुशबुएं होती हैं फायदेमंद?
नींद लाने वाले परफ्यूम्स में आमतौर पर ये नोट्स होते हैं:
लैवेंडर (Lavender) – तनाव और बेचैनी घटाता है
सैंडलवुड (Sandalwood) – दिमाग को शांत करता है
चमेली (Jasmine Sambac) – इंडियन बोटैनिकल्स में सबसे लोकप्रिय
रुह खस (Ruh Khus) – ठंडक और राहत देने वाली जड़ी-बूटी
House of Moksha के सीईओ अशिष खंडेलवाल बताते हैं, “हम भारतीय बोटैनिकल्स जैसे रूह खस और चमेली सांबक के साथ काम करना पसंद करते हैं क्योंकि इनमें नेचुरल कैल्मिंग इफेक्ट होता है.”
क्यों बढ़ा है यह ट्रेंड?
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग नींद की कमी से परेशान हैं. भारत में किए गए कई अध्ययनों में सामने आया है कि बड़ी संख्या में लोग ‘स्लीप डेप्राइव्ड’ हैं. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर ‘स्लीप मैक्सिंग’ एक बड़ा ट्रेंड बन चुका है. लोग नाइट रूटीन में स्लीप स्प्रे, माउथ टेपिंग, हर्बल सप्लीमेंट्स और अब 'स्लीप परफ्यूम्स' तक आजमा रहे हैं.
कैसे करें शुरुआत?
आपको बेडटाइम के लिए कोई हल्की, सूदिंग खुशबू चुननी चाहिए जिसे आप सिर्फ सोने से पहले लगाएं. इससे दिमाग को यह संकेत मिलता है कि अब सोने का समय है. जैसे रात में लाइट्स धीमी करने से मेलाटोनिन का स्तर बढ़ता है.


