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Monsoon Skin Alert: बारिश में होते हैं ये खतरनाक स्किन इंफेक्शन, जानिए इससे कैसे बचें?

बारिश के मौसम में त्वचा पर फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. साफ-सफाई, सूखे कपड़े और एंटीफंगल उपाय अपनाकर इन स्किन प्रॉब्लम्स से बचाव संभव है.

बारिश का मौसम अपने साथ ठंडी हवाएं और राहत तो लाता है, लेकिन इसी के साथ ये स्किन के लिए कई तरह की परेशानियां भी खड़ी करता है. हवा में बढ़ी हुई नमी और लंबे समय तक गीले कपड़ों में रहना फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ा देता है. मॉनसून में लोग अक्सर स्किन संबंधी लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे चलकर गंभीर समस्याओं का रूप ले सकते हैं.

तो सवाल ये है कि बारिश के इस मौसम में त्वचा से जुड़ी कौन-कौन सी समस्याएं सबसे ज्यादा होती हैं और आप कैसे खुद को इनसे सुरक्षित रख सकते हैं? आइए जानते हैं विस्तार से- 

एथलीट फुट:

एथलीट फुट एक आम मॉनसून स्किन इंफेक्शन है जो गीले जूते-मोजों की वजह से होता है. ये बीमारी पैरों की उंगलियों के बीच की त्वचा को प्रभावित करती है और लालिमा, खुजली, फटना या जलन जैसे लक्षण देती है.

कैसे बचें:

  • पैरों को रोज साफ और सूखा रखें

  • पैर धोने के बाद उंगलियों के बीच अच्छी तरह सुखाएं

  • जरूरत हो तो एंटीफंगल पाउडर लगाएं

  • सूती मोजे और सूखे जूते पहनें

दाद: 

मॉनसून में तेजी से फैलने वाला फंगल इंफेक्शन है दाद, जो स्किन पर गोल-गोल लाल दाने के रूप में नजर आता है. इसमें खुजली बेहद परेशान करती है.

बचाव के तरीके:

  • शरीर को साफ-सुथरा और सूखा रखें

  • कॉटन के ढीले कपड़े पहनें

  • एंटीफंगल क्रीम या पाउडर का प्रयोग करें

  • तौलिया या कपड़े किसी के साथ शेयर ना करें

  • अगर दो हफ्तों तक राहत ना मिले तो डॉक्टर से संपर्क करें

एरिथ्रास्मा: 

ये इंफेक्शन बगल, कमर या पैरों की उंगलियों के बीच दिखाई देता है और इसमें हल्की खुजली या जलन महसूस हो सकती है.

बचने के उपाय:

  • रोजाना एंटीबैक्टीरियल साबुन से स्नान करें

  • स्किन को सूखा रखें और टाइट कपड़ों से परहेज करें

  • एंटीबैक्टीरियल पाउडर लगाएं

  • गीले कपड़े तुरंत बदलें

  • अगर दाग बिगड़ने लगें तो डॉक्टर से सलाह लें

फॉलिकुलिटिस: 

फॉलिकुलिटिस में बालों की जड़ों के पास लाल, खुजलीदार फुंसियां निकलती हैं जो पसीने और नमी की वजह से होती हैं.

सावधानियां:

  • हल्के हाथों से हफ्ते में एक बार स्किन एक्सफोलिएट करें

  • नहाते समय एलोवेरा या टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करें

  • रैशेज पर शेविंग ना करें

  • दर्द, सूजन या बढ़ते संक्रमण पर डॉक्टर से मिलें

हीट रैशेज/घमौरियां: 

मॉनसून में पसीने की वजह से रोमछिद्र बंद हो जाते हैं जिससे घमौरियां होती हैं. ये छोटे-छोटे फुंसी जैसे दाने होते हैं जो गर्दन, छाती आदि पर नजर आते हैं.

बचाव के तरीके:

  • ठंडे पानी से नहाएं

  • पंखे या एसी में रहें

  • ढीले और हल्के कपड़े पहनें

  • कैलामाइन या ओटमील लोशन लगाएं

  • अगर घमौरियां कुछ दिनों में ठीक ना हों, दर्द हो या बुखार हो, तो डॉक्टर को दिखाएं

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22 July 2025, 07:55 PM IST

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