score Card

वृंदावन में प्रेमानंद महाराज बोले, मकान और शादी नहीं, केवल भगवान और अध्यात्म पर देंगे जवाब

 वृंदावन में प्रेमानंद महाराज अपने आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए मशहूर हैं। भक्त उनसे मकान और शादी जैसे सवाल पूछते हैं, लेकिन वे हाथ जोड़कर कहते हैं-मैं केवल भगवान और अध्यात्म की बात करता हूँ।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

Regional News: वृंदावन के श्रीहित राधा केलि कुंज आश्रम में रोज़ाना सैकड़ों लोग प्रेमानंद महाराज से मिलने आते हैं। कई लोग मन की शांति के लिए आते हैं, लेकिन कुछ मकान, नौकरी और शादी जैसे सवाल कर बैठते हैं। महाराज ऐसे सवालों से इनकार कर देते हैं। हाल ही में एक भक्त ने उनसे पूछा कि मकान कब बनेगा और बेटी की शादी कब होगी। महाराज ने शांति से जवाब दिया कि यह उनके अधिकार का क्षेत्र नहीं है। वे केवल भगवान और भक्ति की राह दिखाते हैं।

ज्योतिष से जुड़े मामले

महाराज ने कहा कि शादी या मकान जैसी बातें ज्योतिषाचार्य से पूछनी चाहिए। वही कुंडली देखकर उत्तर दे सकते हैं। संतों का काम तारीख बताना नहीं, बल्कि भक्तों को ईश्वर की ओर ले जाना है। उन्होंने भक्तों को समझाया कि ज्योतिष एक विद्या है और उसका स्थान अलग है। लेकिन संत मार्गदर्शन देते हैं आत्मा के लिए, शरीर के लिए नहीं। जीवन में जो भी कठिनाई हो, उसका समाधान ईश्वर की शरण में है। उन्होंने कहा कि ज्योतिष केवल दिशा दे सकता है, लेकिन भाग्य बदलने वाला केवल प्रभु है।

सीता स्वयंवर की मिसाल

महाराज ने उदाहरण दिया कि राजा जनक को भी पता नहीं था कि कोई धनुष नहीं उठा पाएगा। अगर जान जाते तो प्रण ही न लेते। जब राजा तक भविष्य नहीं देख पाए, तो संत सांसारिक भविष्य कैसे बताएंगे? इस कथा से उन्होंने भक्तों को गहरा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि स्वयंवर की घटना ने यह साबित किया कि इंसान भविष्य की थाह नहीं पा सकता। भगवान ही सबकुछ जानते हैं। इसलिए भविष्य पूछने से बेहतर है कि प्रार्थना की जाए। महाराज ने कहा कि यह कथा आज भी हर इंसान को रास्ता दिखाती है।

भक्ति और प्रार्थना का संदेश

महाराज ने कहा कि जैसे जनक जी ने रुदन और प्रार्थना की थी, वैसे ही ईश्वर से विनती करो। संत से सांसारिक जवाब मत मांगो। असली मार्ग है भगवान का नाम लेना, समर्पण करना और गुरु की राह पर चलना। उन्होंने कहा कि भक्ति करने से हर कठिनाई आसान हो जाती है। जीवन का बोझ हल्का हो जाता है। उन्होंने भक्तों को समझाया कि भगवान के नाम में ही हर समस्या का इलाज है। इंसान अगर सच्चे मन से दुआ करे तो चमत्कार अपने आप घटते हैं।

प्रेमानंद महाराज का जीवन

1969 में कानपुर के पास अखारी गाँव में जन्मे प्रेमानंद महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय है। उन्होंने 13 साल की उम्र में घर छोड़कर सन्यास लिया। गुरु श्री गौरांगी शरण के मार्गदर्शन में उन्होंने जीवन ईश्वर और अध्यात्म को समर्पित कर दिया। बचपन से ही उनका झुकाव साधना और भक्ति की ओर था। परिवार ने सोचा था कि वे पढ़-लिखकर सामान्य जीवन जिएंगे। लेकिन उनका मन केवल भगवान में रमा रहा। आज लाखों लोग उन्हें गुरु मानते हैं और उनकी बातों से जीवन का मार्ग खोजते हैं।

calender
09 September 2025, 06:14 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag