मंदिर के पास भूल से भी न रखें ये 5 चीजें, वरना रिश्तों में आ जाएगी दरार और घर में छा जाएगी गरीबी!
घर में एक छोटा सा मंदिर या पूजा स्थल होना बहुत अच्छा और शुभ माना जाता है. ये वो पवित्र कोना है जहां से पूरे घर में सकारात्मकता,सुख-शांति और अच्छी ऊर्जा मीलती है.

नई दिल्ली: घर में बना पूजाघर केवल ईश्वर की आराधना का स्थान नहीं बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का मुख्य केंद्र माना जाता है. मान्यता है कि जहां भगवान का वास होता है, वहां शुद्धता, सौम्यता और मानसिक शांति का प्रवाह स्वयं बना रहता है. यही वजह है कि पूजा स्थल के आसपास की साफ-सफाई और वस्तुओं का चयन बेहद महत्वपूर्ण माना गया है.
लेकिन कई बार लोग अनजाने में ऐसी वस्तुएं मंदिर के पास रख देते हैं, जिनके बारे में शास्त्रों और वास्तु में साफ चेतावनी दी गई है. माना जाता है कि ये चीजें घर में कलह, अशांति और आर्थिक समस्याओं को जन्म देती हैं. आइए जानते हैं वे कौन सी 5 वस्तुएं हैं, जिन्हें मंदिर के आसपास रखना सख्त वर्जित बताया गया है.
1. नुकीली या धारदार वस्तुएं
मंदिर को शांति और सौम्यता का केंद्र माना जाता है, जबकि कैंची, चाकू, सुई या पिन जैसी नुकीली वस्तुएं क्रोध और अस्थिरता का प्रतीक मानी जाती हैं.
क्यों नहीं रखनी चाहिए: वास्तु के अनुसार, इन्हें मंदिर के पास रखने से परिवार में तनाव और झगड़े बढ़ते हैं. मान्यता है कि ऐसी वस्तुएं रिश्तों के प्रेम पर “कैंची” चला देती हैं.
प्रभाव: घर में कलह, अशांति और मानसिक तनाव बढ़ सकता है.
2. गंदे कपड़े, झाड़ू और कूड़ा-कचरा
पूजा स्थान की पवित्रता सर्वोपरि मानी गई है, इसलिए इसे हमेशा स्वच्छ और व्यवस्थित रखना आवश्यक है.
क्यों नहीं रखनी चाहिए: गंदे कपड़े, झाड़ू या सफाई का सामान अपवित्रता का संकेत है. इन्हें मंदिर के पास रखना देवी-देवताओं का अपमान माना जाता है. इसी तरह पूजा के बाद जली हुई माचिस की तिल्ली या बासी फूल भी मंदिर के आसपास नहीं रखने चाहिए.
प्रभाव: घर में दरिद्रता आती है और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
3. माचिस या ज्वलनशील सामग्री
दीपक और धूप जलाने के लिए माचिस का उपयोग होता है, लेकिन इसे मंदिर में या बिल्कुल पास रखना शुभ नहीं माना जाता.
क्यों नहीं रखनी चाहिए: माचिस, लाइटर या ज्वलनशील वस्तुएं वातावरण की शांति को भंग करती हैं. कई लोग जली हुई तिल्ली वहीं छोड़ देते हैं, जिसे वास्तु में अपवित्र माना गया है.
प्रभाव: इससे घर में अशांति और पारिवारिक कलह बढ़ सकता है.
4. पूर्वजों या पितरों की तस्वीरें
पूर्वजों का सम्मान आवश्यक है, लेकिन उनकी तस्वीरों को मंदिर के पास रखना वास्तु अनुसार गलत माना गया है.
क्यों नहीं रखनी चाहिए: शास्त्र कहते हैं कि देवी-देवताओं और पितरों के स्थान अलग-अलग होते हैं. मंदिर में पितरों की तस्वीर लगाना भगवान का अपमान माना जाता है. इन्हें हमेशा दक्षिण दिशा में ही लगाना शुभ है.
प्रभाव: इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और पूजा का फल प्रभावित होता है.
5. खंडित मूर्तियां या फटी धार्मिक पुस्तकें
पूजा घर में खंडित मूर्तियां, टूटी तस्वीरें या फटी धार्मिक पुस्तकें रखना वर्जित है.
क्यों नहीं रखनी चाहिए: टूटे हुए पूजन सामग्री को अशुभ माना जाता है. इन्हें तुरंत मंदिर से हटाकर किसी पवित्र नदी या पीपल के पेड़ के नीचे रखना चाहिए. धार्मिक पुस्तकों का भी सम्मानपूर्वक विसर्जन किया जाना चाहिए.
प्रभाव: इससे घर में नकारात्मकता, धन हानि और गृह अशांति बढ़ सकती है.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


