score Card

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव पर भूलकर भी न चढ़ाएं ये फूल, नाराज हो जाएंगे महादेव

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. हालांकि, इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है. कुछ फूल ऐसे हैं जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना गया है, क्योंकि इससे भगवान शिव अप्रसन्न हो सकते हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Mahashivratri 2025: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा में उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करने की परंपरा है, जिससे वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. प्रत्येक देवता की आराधना में कुछ चीजें आवश्यक होती हैं, वहीं कुछ चीजें वर्जित भी मानी जाती हैं. महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना विशेष रूप से की जाती है, लेकिन इस दौरान कुछ पुष्प ऐसे हैं जिन्हें शिवलिंग पर अर्पित नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा शिव कृपा प्राप्त होने के बजाय विपरीत फल मिल सकता है.

भगवान शिव की पूजा में धतूरा, आक के फूल, भांग और पान का विशेष महत्व होता है, लेकिन कुछ पुष्प ऐसे हैं जो उन्हें अर्पित करना अशुभ माना गया है. इनमें केतकी का फूल प्रमुख है, जिसे भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है, परंतु शिव पूजा में इसका प्रयोग वर्जित है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव के बीच वर्चस्व विवाद से जुड़ी है.

केतकी का फूल क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए?

भगवान शिव की पूजा में केतकी का फूल चढ़ाना वर्जित माना जाता है. मान्यता के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा के बीच यह विवाद हुआ कि दोनों में से कौन श्रेष्ठ है. इस विवाद को समाप्त करने के लिए भगवान शिव एक अग्निस्तंभ के रूप में प्रकट हुए और दोनों को इसकी शुरुआत और अंत खोजने का आदेश दिया. विष्णु जी ने धरती की ओर और ब्रह्मा जी आकाश की ओर इसकी सीमा खोजने का प्रयास किया. जब ब्रह्मा जी को कोई छोर नहीं मिला, तब उन्होंने केतकी के पुष्प को झूठा साक्षी बनाकर शिवजी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया. यह देख भगवान शिव क्रोधित हो गए और ब्रह्मा जी की पूजा निषेध कर दी, साथ ही केतकी के फूल को अपनी पूजा में वर्जित कर दिया.

कांटेदार फूलों का प्रयोग अशुभ

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को किसी भी प्रकार के कांटेदार फूल चढ़ाने की मनाही होती है. इसे कंटकारी पुष्प कहा जाता है, और मान्यता है कि इन फूलों को चढ़ाने से परिवार में अशांति उत्पन्न होती है. साथ ही, पारिवारिक जीवन में तनाव बढ़ता है और रिश्तों में दूरियां आ सकती हैं.

कमल का फूल भी नहीं चढ़ाएं

कमल का फूल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, किसी भी वस्तु का एक विशेष देवता के साथ संबंध होता है और उसे अन्य देवता की पूजा में अर्पित करना उचित नहीं माना जाता. यही कारण है कि शिवलिंग पर कमल का फूल नहीं चढ़ाया जाता.

सूरजमुखी के फूल अर्पित न करें

सूरजमुखी का फूल अपने राजसी स्वरूप के लिए प्रसिद्ध है, और भगवान शिव की पूजा में राजसी चीजों का प्रयोग निषेध माना गया है. शिव जी का स्वरूप सरलता और तपस्या का प्रतीक है, इसलिए उनकी पूजा में साधारण पुष्पों का ही उपयोग करना चाहिए.

मुरझाए और टूटे-फूटे फूल न चढ़ाएं

शिवलिंग पर पूजा के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए कि फूल ताजे और पूर्ण रूप से खिले हुए हों. मुरझाए हुए या टूटे-फूटे फूल चढ़ाना अशुभ माना जाता है. भगवान को अर्पित की जाने वाली वस्तु हमेशा पवित्र और शुद्ध होनी चाहिए.

महाशिवरात्रि पर करें ये उपाय

महाशिवरात्रि पर शिवजी को बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल और भस्म अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन रुद्राभिषेक करने से भी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. भगवान शिव की पूजा में सावधानी बरतते हुए केवल शास्त्रों में वर्णित पुष्प ही अर्पित करें, ताकि उनकी कृपा प्राप्त हो और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे.

Disclaimer: ये आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

calender
25 February 2025, 08:12 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag