योगिनी एकादशी पर करें यह 5 दान, लक्ष्मी कभी नहीं छोड़ेंगी साथ
योगिनी एकादशी व्रत आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से पापों का नाश होता है. पीले वस्त्र, अन्न और जल का दान करने से सुख-समृद्धि मिलती है और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है. तुलसी पूजा का विशेष महत्व है.

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. सालभर में 24 एकादशी आती हैं, जिनमें हर एक का अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है. इन्हीं में से एक है आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी, जिसे योगिनी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी इस वर्ष 21 जून 2025, शनिवार को पड़ रही है. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और व्रत-उपवास के साथ किए गए दान-पुण्य से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
मान्यता है कि योगिनी एकादशी व्रत से समस्त पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह व्रत 84 लाख योनियों से मुक्ति देने वाला माना गया है. जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है, वह जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त कर सकता है.
भगवान विष्णु और लक्ष्मी की कृपा पाने के उपाय
योगिनी एकादशी पर व्रत के साथ कुछ खास उपाय करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है.
1. कपड़ों का दान करें
2. जल का दान
जून का महीना गर्मियों के चरम पर होता है, ऐसे में जलदान का विशेष महत्व होता है. आप इस दिन प्यासे को पानी पिलाकर, प्याऊ लगवाकर या मिट्टी के घड़े में जल भरकर दान देकर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. मान्यता है कि प्यासे को जल पिलाना विष्णु भगवान को प्रसन्न करता है.
3. अन्न का दान
योगिनी एकादशी पर अन्नदान भी विशेष फलदायी माना गया है. इस दिन चावल, गेहूं, दाल, फल आदि का दान करें. कोशिश करें कि यह दान उन लोगों को करें जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता हो. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती.
4. तुलसी की पूजा करें
इस दिन तुलसी माता की पूजा अवश्य करनी चाहिए. तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और उनकी पूजा बिना तुलसी के अधूरी मानी जाती है. तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाएं, जल चढ़ाएं और तुलसी स्तुति करें. इससे मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं.


