Mahabharata: द्रौपदी के शरीर से ऐसी कौन सी सुगंध आई जिससे पांडव हो गए अचंभित? जानें सुन्दरता का राज
Mahabharata: महाभारत के बारे में हमने कई कहानियां सुनी होंगी. इसमें द्रौपदी का नाम मुख्य रूप से लिया गया है. यह पांच पांडवों की पत्नी है. आज हम जानेंगे कि द्रौपदी वास्तव में कैसी थी और उसके बारे में क्या कहा जाता है. महाभारत में द्रौपदी राजा द्रुपद की पुत्री थी. उनका विवाह पांच पांडवों से हुआ था. द्रौपदी कुंती के पुत्रों युधिष्ठिर, अर्जुन और भीम तथा माद्री के पुत्रों नकुल और सहदेव की पत्नी थीं.

Mahabharata: महाभारत के बारे में हमने कई कहानियां सुनी होंगी. इसमें द्रौपदी का नाम मुख्य रूप से लिया गया है. यह पांच पांडवों की पत्नी है. आज हम जानेंगे कि द्रौपदी वास्तव में कैसी थी और उसके बारे में क्या कहा जाता है. महाभारत में द्रौपदी राजा द्रुपद की पुत्री थी. उनका विवाह पांच पांडवों से हुआ था. द्रौपदी कुंती के पुत्रों युधिष्ठिर, अर्जुन और भीम तथा माद्री के पुत्रों नकुल और सहदेव की पत्नी थीं.
पांचों पांडवों ने अन्य स्त्रियों से भी विवाह किया था, जैसे अर्जुन ने सुभद्रा से तथा भीम ने हिडिम्बा से. लेकिन पांचों पांडव द्रौपदी से विशेष प्रेम करते थे, क्योंकि वह अत्यंत सुंदर और आकर्षक थी. इसके अलावा, उसके शरीर से एक अनोखी, मनमोहक खुशबू निकल रही थी. ऐसा कहा जाता है कि सभी पांडवों ने जीवन भर द्रौपदी का साथ दिया और यहां तक कि स्वर्ग जाते समय भी उसे अपने साथ ले गए. द्रौपदी की सुंदरता के बारे में कुछ विशेष बातें कही जाती हैं.
कौन सी सुगंध आई जिससे पांडव हो गए अचंभित?
ऐसा कहा जाता है कि द्रौपदी जन्म से ही अत्यंत सुंदर थी. दिलचस्प बात यह है कि वह न केवल सुंदर थी, बल्कि उसके विचार भी स्पष्ट थे. वैचारिक रूप से वह पूरी तरह सक्षम थीं. द्रौपदी का मूल नाम 'यज्ञसेनी' था. साथ ही, उनके काले रंग के कारण उन्हें ' कृष्ण ' भी कहा जाता था. द्रौपदी का रंग इतना आकर्षक था कि बड़े-बड़े प्रशंसक भी उसकी सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो जाते थे.
द्रौपदी के सुन्दरता का राज
दिलचस्प बात यह है कि द्रौपदी न केवल रंग और रूप में सुंदर थी, बल्कि उसके शरीर से बहुत ही मनमोहक सुगंध भी निकलती थी. यह अनुमान लगाना कठिन है कि यह गंध वास्तव में कैसी है. लेकिन इससे उसकी सुंदरता और बढ़ गई. द्रौपदी की त्वचा बहुत कोमल थी, लेकिन जब वह क्रोधित होती थी या युद्ध के दौरान होती थी, तो उसकी त्वचा बहुत कठोर हो जाती थी. युद्ध के दौरान उसका नाजुक शरीर पूरी तरह से कठोर हो गया था. ऐसा कहा जाता है कि द्रौपदी में अपना कौमार्य पुनः प्राप्त करने की क्षमता थी. ऐसा कहा जाता है कि वह एक पति से दूसरे पति के पास जाते समय इस कला का प्रयोग करती थी.


