भारत की इस नदी में हैं हजारों शिवलिंग, कहां से आए कोई नहीं जानता
Sahasralinga: भारत में कई अद्भुत स्थान हैं, जिनकी धार्मिक और प्राकृतिक विशेषताएं लोगों को अचंभित कर देती हैं. कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में बहने वाली शलमाला नदी भी ऐसा ही एक रहस्यमयी स्थल है, जहां पानी के बीच हजारों शिवलिंग स्थित हैं.

Sahasralinga: भारत में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, जो अपनी अनोखी मान्यताओं और रहस्यमयी संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं. ऐसा ही एक स्थान है कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित सहस्त्रलिंग, जहां बहने वाली शलमाला नदी के बीचों-बीच हजारों प्राकृतिक शिवलिंग विद्यमान हैं. इस नदी की खासियत यह है कि इसका प्रवाह इन शिवलिंगों का प्राकृतिक रूप से अभिषेक करता रहता है, जिससे यह स्थान भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है.
इस अद्भुत नदी में शिवलिंगों के अलावा भगवान शिव के वाहन नंदी, नाग और अन्य धार्मिक प्रतीक भी उकेरे गए हैं. माना जाता है कि इन शिवलिंगों का निर्माण 16वीं-17वीं शताब्दी में राजा सदाशिव राय द्वारा करवाया गया था. हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन आकृतियों के बनने का कारण नदी के प्रवाह से होने वाला प्राकृतिक कटाव भी बताया जाता है.
प्राकृतिक शिवलिंगों का रहस्य
शलमाला नदी को यहां के लोग गंगा के समान पवित्र मानते हैं. इस नदी में हजारों की संख्या में मौजूद शिवलिंगों की उत्पत्ति को लेकर दो मान्यताएं प्रचलित हैं. पहली मान्यता के अनुसार, 17वीं शताब्दी में कर्नाटक के शासक राजा सदाशिव राय ने अपनी शिव भक्ति के चलते नदी के बीच इन शिवलिंगों का निर्माण करवाया था. कहा जाता है कि उन्होंने शिव और उनके प्रियजनों की हजारों आकृतियां चट्टानों पर उकेरने का आदेश दिया था.
वहीं, वैज्ञानिकों का मानना है कि यह आकृतियां प्राकृतिक रूप से बनी हैं. उनका कहना है कि शलमाला नदी के पानी के तेज प्रवाह और चट्टानों के प्राकृतिक कटाव से ये आकृतियां बनी हैं. लेकिन इस पर कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि यह प्राकृतिक हैं या मानव निर्मित.
गर्मियों में दिखता है अद्भुत नजारा
सालभर पानी से भरी रहने वाली यह नदी गर्मियों में जब सूखने लगती है, तब इसका दृश्य और भी मनमोहक हो जाता है. जैसे-जैसे जलस्तर कम होता है, नदी के बीचों-बीच स्थित शिवलिंग और अन्य धार्मिक आकृतियां स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगती हैं. इस समय यहां भक्तों और पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है, जो इस अद्भुत दृश्य को देखने और भगवान शिव के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.
कैसे पहुंचे सहस्त्रलिंग?
यदि आप भी सहस्त्रलिंग के अद्भुत दृश्य का अनुभव करना चाहते हैं, तो यहां पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा हुबली है, जो सिरसी से लगभग 104 किमी दूर स्थित है. रेल मार्ग से यात्रा करने वाले पर्यटक तलगुप्पा रेलवे स्टेशन तक पहुंच सकते हैं, जो सिरसी से लगभग 54 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां से सड़क मार्ग द्वारा सहस्त्रलिंग तक आसानी से पहुंचा जा सकता है.


