ज्येष्ठ माह के अमावस्या तिथि पर शनि पूजा करने का विधान है। इस दिन पितरों के आशीर्वाद के लिए धूप-ध्यान करना भी बेहद फलदायी माना गया है।अमावस्या तिथि में दोपहर के समय गाय के गोबर से बने कंडे को जलाए और जब उसमें से धुआं निकलना बंद हो जाए तो उस अंगारों पर गुड़-घी अर्पित करें और अपने पितरों का ध्यान करें, फिर बाद में हथेली में जलकर अंगूठे की ओर से पितरों को जल चढाएं।  

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन शनि देव को तिल और तेल से बने व्यंजन बनाकर उनको भोग लगाएं, और उनके प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाएं साथ ही हनुमानजी के समक्ष दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

राशि के अनुसार करें ये उपाय-  

मेष राशि- मेष राशि के जातक को शनिजयंती के दिन सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

वृषभ राशि- शनि जयंति के वृषभ राशिके जातकों को शनि देव के नामों का जाप करना चाहिए। 

मिथुन राशि- शनि जयंती के दिन  मिथुन राशि के जातकों को शनि देव को काली उड़दका दाल चढ़ाना चाहिए।

कर्क राशि- कर्क राशि के जातकों को शनि जयंती के दिन राजा दशरथ द्वारा रचित शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। 

सिंह राशि- शनि जयंती के दिन सिंदूर और चमेली के तेल से हनुमानजी को चोला चढ़ाना चाहिए।

कन्या राशि- शनि जयंती के दिन इस राशि के जातकों को शनि देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

तुला राशि- शनि जयंती के दिन इस राशि के जातकों को शनि देव को सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए।

वृश्चिक राशि- शनि जयंती के दिन वृश्चिक राशि वाले लोगों को हनुमान चालिसा का पाठ करना चाहिए साथ ही चींटियों को चीनी और आटा डालना चाहिए।

धनु राशि- शनि जयंती के दिन धनु राशि के लोगोंको सरसों तेल का दीपक जलाना चाहिए।

मकर राशि- मकर राशि वाले जातकों कोशनि जयंती के दिन शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए।

कुंभ राशि- हनुमान जी की उपासनाकरना चाहिए और नीलम रत्न करने से शनिदेव का हमेशा आशीर्वाद बना रहेगा।

मीन राशि- शनि जयंती के दिन मीन राशि केलोगों को बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए साथ ही अपने सामर्थ्य अनुसार गरीबों की भी मदद करनी चाहिए।