देवउठनी एकादशी के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये खास चीजें, मिलेगा सभी कष्टों से तुरंत मुक्ति
देवउठनी एकादशी का दिन बेहद खास है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ शिवलिंग पर दूध-जल से अभिषेक करने से महादेव अतिप्रसन्न होते हैं और आपकी हर मनोकामना पूरी कर देते हैं.

नई दिल्ली: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को मनाई जाने वाली देवउठनी एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं और सृष्टि संचालन का कार्य पुनः संभाल लेते हैं. इसी के साथ चातुर्मास का समापन होता है और विवाह जैसे सभी शुभ कार्यों की शुरुआत फिर से की जाती है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, जो भी भक्त देवउठनी एकादशी के दिन पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति तथा समृद्धि का आगमन होता है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की उपासना करना भी अत्यंत शुभ माना गया है.
देवउठनी एकादशी 2025 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 1 नवंबर 2025 को सुबह 09:11 बजे से प्रारंभ होगी और इसका समापन 2 नवंबर 2025 को सुबह 07:31 बजे होगा. पंचांग गणना के अनुसार, देवउठनी एकादशी का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा.
देवउठनी एकादशी का धार्मिक महत्व
देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी या हरिप्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के जागरण के साथ ही चातुर्मास समाप्त हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से उठते हैं, तब सृष्टि में पुनः शुभ कार्यों का आरंभ होता है. इसीलिए इस दिन से विवाह, गृहप्रवेश, नामकरण संस्कार और अन्य मांगलिक कार्य शुरू किए जाते हैं.
इस दिन करें भगवान विष्णु की आराधना
देवउठनी एकादशी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद भगवान विष्णु का पूजन, तुलसीदल अर्पण और मंत्रोच्चारण के साथ आरती की जाती है. श्रद्धा से पूजा करने पर व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, आरोग्य और समृद्धि का वास होता है.
देवउठनी के दिन शिवलिंग पर करे इन चीजों से अभिषेक
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की उपासना भी विशेष फलदायी होती है.
गंगाजल और दूध अर्पण करें: शिवलिंग पर गंगाजल और दूध चढ़ाने से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और मन को शांति प्राप्त होती है.
दही और शहद का अभिषेक करें: इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
शमी के फूल चढ़ाएं: इस दिन शिवलिंग पर शमी के फूल अर्पित करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं.
चावल और मंत्र जाप करें: शिवलिंग पर चावल चढ़ाकर शिव मंत्रों का जाप करने से महादेव कृपा करते हैं और आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है.
देवउठनी एकादशी का दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में नई ऊर्जा और शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक भी है. इस दिन श्रद्धा से भगवान विष्णु और शिव की आराधना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि का संचार होता है.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


