इस खिलाड़ी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से अचानक लिया संन्यास...भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज में हुए थे घायल
Chris Woakes Retirement : इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिस वोक्स ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. चोटिल होने के कारण वे हाल ही में एशेज स्क्वॉड में नहीं थे. वोक्स ने 2011 में अपने करियर की शुरुआत की थी और टेस्ट, वनडे, टी20 में शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने अपने परिवार, कोचों और फैंस का धन्यवाद किया. अब वे काउंटी क्रिकेट और फ्रेंचाइजी लीग में खेलना जारी रखेंगे.

Chris Woakes Retirement : इंग्लैंड के स्टार बॉलिंग ऑलराउंडर क्रिस वोक्स ने सोमवार, 29 सितंबर को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का बड़ा फैसला किया. 36 वर्षीय वोक्स को हाल ही में इंग्लैंड के एशेज स्क्वॉड से चोट के कारण बाहर कर दिया गया था. भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के अंतिम मैच में उनके कंधे में डिस्लोकेशन की गंभीर चोट लगी थी, जो उनके करियर पर गहरा असर डालती रही. पिछले कई वर्षों में उन्हें चोटों का सामना करना पड़ा, जिससे उनके लिए खेल जारी रखना कठिन हो गया.
2011 में की थी अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत
खास तौर पर परिवार का किया धन्यवाद
वोक्स ने दो बार विश्व कप जीतने और कई यादगार एशेज सीरीज का हिस्सा बनने की खुशी व्यक्त की. उन्होंने अपने साथियों के साथ बिताए खास पलों और जश्न को अपने जीवन के अमूल्य अनुभव बताया. इस अवसर पर उन्होंने अपने परिवार का खास तौर पर धन्यवाद किया, जिनका प्यार, समर्थन और त्याग उनके लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहा. वोक्स ने अपनी पत्नी एमी और बेटियों लैला और एवी के प्रति आभार जताया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया.
काउंटी क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे
अपने संन्यास के बाद, क्रिस वोक्स काउंटी क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे और फ्रेंचाइजी लीग में भी खेलने के अवसर तलाशेंगे. उन्होंने अपने प्रशंसकों, विशेषकर बार्मी आर्मी का भी आभार व्यक्त किया, जिनके उत्साह और समर्थन ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया. साथ ही, उन्होंने अपने कोचों, टीम के साथियों और सपोर्ट स्टाफ का भी धन्यवाद किया, जिनका मार्गदर्शन और दोस्ती उनके लिए अनमोल रही.
क्रिकेट प्रमियों के दिल में आएगा खालीपन
क्रिस वोक्स का यह निर्णय एक युग के अंत का प्रतीक है, जिन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट में अपनी मेहनत, समर्पण और प्रदर्शन से एक महत्वपूर्ण जगह बनाई. उनकी विदाई से क्रिकेट प्रेमियों के दिल में एक खालीपन जरूर आएगा, लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.


