भारत को सौंप दें ASIA कप ट्रॉफी...BCCI ने PCB चीफ मोहसिन नकवी को भेजा ईमेल, दी अंतिम चेतावनी
Asia Cup 2025 controversy : एशिया कप 2025 जीतने के बावजूद भारतीय टीम ने एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया. बीसीसीआई ने इस पर आपत्ति जताते हुए ट्रॉफी की वापसी की मांग की है. नक़वी ने भारतीय कप्तान को दुबई आकर ट्रॉफी लेने की शर्त रखी, जिसे बीसीसीआई ने खारिज कर दिया. मामला अब आईसीसी तक पहुँच सकता है, जिससे भारत-पाक क्रिकेट संबंधों में और तनाव आ गया है.

Asia Cup 2025 controversy : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी को एक आधिकारिक ईमेल भेजकर एशिया कप 2025 की ट्रॉफी भारत को वापस सौंपने की मांग की है. बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने इंडिया टुडे से विशेष बातचीत में बताया कि यदि एसीसी प्रमुख की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) तक ले जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बीसीसीआई इस मामले में चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है.
ट्रॉफी न लेने का भारतीय टीम का निर्णय
BCCI ने नकवी के व्यवहार की आलोचना की
30 सितंबर को हुई एसीसी बैठक में बीसीसीआई ने इस व्यवहार की कड़ी निंदा की. बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि एशिया कप की ट्रॉफी एसीसी की संपत्ति है और यह भारत की विजेता टीम, जिसकी कप्तानी सूर्यकुमार यादव ने की, को औपचारिक रूप से सौंपी जानी चाहिए थी. बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने इसे 'अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और खेल भावना के विरुद्ध' बताया.
ट्रॉफी लौटाने से इंकार और शर्तें
हालांकि नकवी ने एसीसी के अन्य सदस्य बोर्डों से माफी मांगी, उन्होंने अब भी अपना रुख नहीं बदला. उन्होंने कहा कि अगर भारत को ट्रॉफी चाहिए, तो कप्तान को खुद दुबई आकर ट्रॉफी ले जानी होगी. इस बयान पर बीसीसीआई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि विजेता टीम को ट्रॉफी तत्काल ही मैदान पर सौंपी जानी चाहिए थी. एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की ट्रॉफी के लिए कप्तान को यात्रा करने के लिए कहना अपमानजनक है.
भारत-पाक क्रिकेट संबंधों पर असर
यह विवाद पहले से ही तनावपूर्ण भारत-पाक क्रिकेट संबंधों को और खराब कर सकता है. एशिया कप जीत भारतीय टीम के लिए गौरव का क्षण था, लेकिन ट्रॉफी न मिलने और उस पर खिंची खींचतान ने इस जीत की चमक को थोड़ा फीका कर दिया है. अब सबकी निगाहें एसीसी और आईसीसी पर हैं कि वे इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं.


