अब क्रिकेट होगा और भी रोमांचक! ICC ने बदले कई पुराने नियम, 17 जून से लागू होंगे नए कायदे
ICC rule change: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पुरुषों के क्रिकेट में बड़े बदलावों का ऐलान किया है. इनमें ODI मैचों में दो गेंदों के नियम को खत्म करना और सभी प्रारूपों में कंकशन सब्स्टीट्यूट की प्रक्रिया को सख्त बनाना शामिल है. ये नए नियम जून से चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे.

ICC rule change: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने पुरुषों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नियमों में कई बड़े बदलावों की घोषणा की है. इनमें एकदिवसीय मुकाबलों में दो नई गेंदों के नियम में बदलाव और सभी प्रारूपों में कंकशन सब्स्टीट्यूट (सिर पर चोट लगने के बाद खिलाड़ी बदलने) के नियमों को सख्ती से लागू करना शामिल है. ये नए नियम 17 जून से टेस्ट, 2 जुलाई से वनडे और 10 जुलाई से टी20 मुकाबलों में लागू होंगे.
आईसीसी की पुरुष क्रिकेट समिति की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए चीफ एग्जीक्यूटिव्स कमेटी ने यह बदलाव लागू करने का फैसला लिया है. नियमों में यह बदलाव खेल में बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच संतुलन स्थापित करने, खिलाड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने और खेल को और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है.
ODI में दो गेंदों के नियम में बदलाव
अब तक पुरुषों के एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में हर पारी की शुरुआत दो नई गेंदों से होती थी एक गेंद एक छोर से और दूसरी दूसरे छोर से डाली जाती थी. लेकिन नए नियमों के तहत, अब एकदिवसीय पारी की शुरुआत तो दो गेंदों से ही होगी, लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ 34 ओवर तक लागू रहेगी. इसके बाद, 35वें ओवर से लेकर 50वें ओवर तक, गेंदबाजी टीम को इन दोनों में से किसी एक गेंद को चुनना होगा, जो फिर दोनों छोरों से इस्तेमाल की जाएगी.
यदि किसी वनडे मुकाबले को 25 ओवर या उससे कम कर दिया जाता है (पहली पारी शुरू होने से पहले), तो केवल एक ही नई गेंद का प्रयोग होगा.
क्यों बदले जा रहे हैं नियम?
आईसीसी ने इस बदलाव के पीछे का कारण बताते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य बल्ले और गेंद के बीच संतुलन को फिर से स्थापित करना है. हाल के वर्षों में ODI मैचों में बड़े स्कोर बनने और गेंदबाजों को खासकर अंतिम ओवरों में रिवर्स स्विंग या पकड़ न मिलने की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
कंकशन सब्स्टीट्यूट पर सख्त नियम लागू
कंकशन (सिर पर चोट लगने) की स्थिति में टीम को अब मैच से पहले ही पांच संभावित सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों की सूची मैच रेफरी को सौंपनी होगी. इस सूची में एक विकेटकीपर, एक बल्लेबाज, एक तेज गेंदबाज, एक स्पिनर और एक ऑलराउंडर का नाम शामिल होना अनिवार्य होगा.
अगर कंकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान में उतरे खिलाड़ी को भी चोट लग जाती है, तो रेफरी मौजूदा 'like-for-like' (एक जैसे खिलाड़ी के बदले एक जैसा खिलाड़ी) नियमों के तहत सूची से बाहर का खिलाड़ी भी मंजूर कर सकते हैं.
जनवरी 2025 में भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टी20 मुकाबले के दौरान जब बल्लेबाज शिवम दुबे को हटाकर तेज गेंदबाज हर्षित राणा को बतौर कंकशन सब उतारा गया था, तो इस पर काफी विवाद हुआ था. राणा ने उस मैच में 3 विकेट लिए थे, लेकिन उनके चयन पर सवाल उठे थे. ICC के अनुसार, खिलाड़ियों को भूमिका के आधार पर पहले ही नामित करने से ऐसे विवादों से बचा जा सकेगा.
बाउंड्री लाइन पर बनी हॉप कैच पर रोक
आईसीसी ने MCC के उस प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत बाउंड्री के बाहर जाकर बनी हॉप कैच पकड़ने को अमान्य करार दिया गया है. यह नियम इस महीने के अंत तक लागू होगा. इसका उद्देश्य कैचिंग को और अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है.


