ओस्ट्रावा में नीरज का भाला फिर बोला, 85.29 मीटर के थ्रो से जीता गोल्ड
ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने 24 जून को ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक में 85.29 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता. अपने डेब्यू में ही उन्होंने नौ खिलाड़ियों को पछाड़ा, हालांकि वह 90.23 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहराने से चूक गए.

ओलंपिक में दो बार देश को गर्व दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे ट्रैक पर उतरते ही सुनहरा इतिहास लिखते हैं. 24 जून को चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा में हुए प्रतिष्ठित विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर के श्रेणी-ए इवेंट गोल्डन स्पाइक 2025 में नीरज ने अपने डेब्यू में ही स्वर्ण पदक जीत लिया.
हालाँकि नीरज 90 मीटर के जादुई आंकड़े से दूर रहे, लेकिन उनकी 85.97 मीटर की थ्रो इतनी दमदार रही कि उन्होंने नौ देशों के खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए आसानी से जीत दर्ज की. उनके सबसे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी जूलियन वेबर इस बार प्रतियोगिता में शामिल नहीं थे, जिससे मुकाबला और भी ज्यादा एकतरफा होता दिखा.
दक्षिण अफ्रीका और ग्रेनेडा ने लिया दूसरा-तीसरा स्थान
नीरज के बाद दक्षिण अफ्रीका के डाउ स्मिथ ने 84.12 मीटर की थ्रो के साथ रजत पदक जीता, जो उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी रहा. वहीं पूर्व विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स को 83.63 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य से संतोष करना पड़ा.
निरंतरता ने दिखाई ओलंपिक तैयारी की झलक
इस प्रतियोगिता में नीरज ने चार वैध थ्रो किए – और सभी 80 मीटर से ऊपर. यह उनके लिए खास मायने रखता है क्योंकि निरंतर प्रदर्शन उनकी आगामी ओलंपिक रणनीति की कुंजी है. उनका अंतिम थ्रो जानबूझकर फाउल किया गया क्योंकि वह 85 मीटर से कम था – इससे पता चलता है कि नीरज अब सिर्फ जीत नहीं बल्कि परफेक्शन की तलाश में हैं.
आत्मविश्वास से भरे दिखे नीरज
20 जून को पेरिस डायमंड लीग में जीत के बाद यह उनकी लगातार दूसरी बड़ी सफलता है. यह जीत न सिर्फ उनकी फिटनेस और फॉर्म का प्रमाण है, बल्कि आने वाली ऐतिहासिक प्रतियोगिता नीरज चोपड़ा क्लासिक के लिए भी आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है. यह पहली बार होगा जब भारत में इतनी बड़ी भाला फेंक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी.
अनुभवी थॉमस रोहलर रहे नाकाम
ओलंपिक चैंपियन थॉमस रोहलर इस बार 79.18 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे, जो उनके अनुभव को देखते हुए काफी निराशाजनक रहा.
अब निगाहें पेरिस ओलंपिक पर
ओस्ट्रावा में नीरज की यह जीत सिर्फ एक पदक नहीं, बल्कि एक संदेश है—कि वो न केवल टोक्यो का स्वर्ण बनाए रखना चाहते हैं, बल्कि 90 मीटर क्लब में शामिल होने के अपने मिशन को भी जल्द पूरा करना चाहते हैं.


