'उसे गले लगाकर रोना चाहता हूं..' बेटे की याद में टूटे शिखर धवन, कहानी सुनकर छलक जाएंगे आंसू
क्रिकेटर शिखर धवन ने बेटे जोरावर से जुदाई का दर्द बयां किया. उन्होंने बताया कि वह दो साल से बेटे को देख नहीं पाए और एक साल से बात भी नहीं हुई क्योंकि वह हर जगह से ब्लॉक हैं. उन्होंने कहा कि अब वह स्पिरिचुअली बेटे से जुड़ने की कोशिश करते हैं और पॉजिटिव सोच ही उन्हें हिम्मत देती है. बेटे से मिलने पर सबसे पहले उसे गले लगाना चाहते हैं.

भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन मैदान पर जितने जिंदादिल और मज़ाकिया नज़र आते हैं, उतना ही दर्द उनके दिल में बेटे से दूर रहने का छिपा है. सोशल मीडिया पर मस्तीभरे रील्स बनाने वाले शिखर, अंदर से एक टूटा हुआ पिता हैं, जो दो साल से अपने बेटे जोरावर को देख नहीं पाए हैं और एक साल से उसकी आवाज तक नहीं सुनी है. हाल ही में दिए एक इमोशनल इंटरव्यू में शिखर ने अपने सिंगल फादर होने की पीड़ा को खुलकर साझा किया.
धवन ने बताया कि तलाक के बाद उनके बेटे से मिलने, बात करने और देखने तक का अधिकार उनसे छीन गया है. वो कहते हैं, “अब मैं अपने बेटे से स्पिरिचुअली बात करता हूं. मैं महसूस करता हूं कि वो मेरे साथ है, मैं उसे गले लगा रहा हूं. यही मेरी पॉजिटिव थिंकिंग है, जिससे मैं खुद को संभाले हुए हूं.”
दो साल से नहीं देखा बेटा
शिखर धवन ने 2012 में आयशा मुखर्जी से शादी की थी और 2021 में दोनों का तलाक हो गया. इस रिश्ते से उनका एक बेटा जोरावर है, जो अब मां के साथ रहता है. शिखर बताते हैं, "मुझे दो साल हो गए बेटे को देखे हुए और एक साल से मैंने उसकी आवाज भी नहीं सुनी क्योंकि मैं हर जगह से ब्लॉक हूं. हां, ये बहुत मुश्किल होता है लेकिन वक्त के साथ जीना सीख जाता है इंसान."
“अब स्पिरिचुअली करता हूं बात”
धवन कहते हैं कि उन्होंने अब बेटे से मानसिक और आत्मिक रूप से जुड़ाव बना लिया है. “अब मैं स्पिरिचुअली उससे रोज़ बात करता हूं, उसे महसूस करता हूं, जैसे वो मेरे पास हो. मुझे लगता है कि अगर मुझे अपने बेटे को वापस लाना है तो पॉजिटिव सोच ही एक रास्ता है, क्योंकि नेगेटिव सोच से कुछ हासिल नहीं होता.”
“11 साल के बेटे को सिर्फ ढाई साल ही देखा”
शिखर ने अपने पुराने रिश्ते को याद करते हुए कहा, “जब मैंने शादी की थी तो मेरी पत्नी की पहली शादी से दो बेटियां थीं. मैंने उन्हें भी अपनाया. मैं ऑस्ट्रेलिया जाता था क्योंकि मेरी पत्नी इंडिया नहीं आई. ये सब मैंने खुशी-खुशी स्वीकार किया. लेकिन अब हालात बदल गए हैं.”
'उससे मिलूं तो पहले गले लगाऊंगा'
एएनआई से बातचीत में जब शिखर से पूछा गया कि वो बेटे से मिलने पर कौन सी इनिंग दिखाना चाहेंगे, तो उन्होंने भावुक होकर कहा, “पहले तो मैं उसे गले लगाऊंगा. मैं बस उसके साथ वक्त बिताना चाहूंगा. इनिंग-विनिंग की बात तो मेरे दिमाग में भी नहीं आई. पहले उसकी बातें सुनूंगा. शायद आंसू आएंगे तो बहाऊंगा. बस उसे इंजॉय करूंगा.”
Shikhar Dhawan का दर्द
शिखर धवन की यह कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की नहीं, बल्कि हर उस पिता की है जो अपने बच्चे से जुदा है. उनकी बातें लाखों सिंगल फादर्स की भावनाओं को आवाज देती हैं. उम्मीद की जा रही है कि शिखर की ये सकारात्मक सोच उनके रिश्तों में फिर से रंग भर सके.


