ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने क्यों बांधी काली पट्टी?
Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में आज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा है. यह मुकाबला दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में हो रहा है. भारतीय टीम इस मैच में बांह पर काली पट्टी बांधकर खेल रही है. दरअसल, मुंबई के महान स्पिनर पद्माकर शिवलकर का सोमवार को निधन हो गया था, जिससे भारतीय खिलाड़ी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में आज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा है. यह मुकाबला दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में हो रहा है. भारतीय टीम इस मैच में बांह पर काली पट्टी बांधकर खेल रही है. दरअसल, मुंबई के महान स्पिनर पद्माकर शिवलकर का सोमवार को निधन हो गया था, जिससे भारतीय खिलाड़ी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया.
पद्माकर शिवलकर 84 साल की उम्र में निधन हो गए. वह बाएं हाथ के स्पिनर थे और देश के सबसे बेहतरीन स्पिनरों में उनकी गिनती होती थी, हालांकि उन्हें कभी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला. शिवलकर ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और वह 10 बार रणजी ट्रॉफी के चैंपियन रहे. 2017 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया था. महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने सोमवार को शिवलकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह भारतीय टीम में खेलने के ज्यादा हकदार थे.
सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने बांधी काली पट्टी
शिवलकर ने कुल 124 प्रथम श्रेणी मैचों में खेलते हुए 589 विकेट लिए, और उनका औसत 19.69 था. उन्होंने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया और 48 साल की उम्र तक खेलते रहे. उन्होंने रणजी में कुल 361 विकेट लिए, जिसमें 11 बार मैच में 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी शामिल है. इसके अलावा, उन्होंने 12 लिस्ट ए मैचों में 16 विकेट भी लिए थे.
पद्माकर शिवलकर को दी श्रद्धांजलि
मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने कहा, "मुंबई क्रिकेट ने आज एक सच्चे दिग्गज को खो दिया है. पद्माकर शिवलकर का खेल में योगदान, विशेष रूप से उनके शानदार स्पिन कौशल, हमेशा याद किया जाएगा. मुंबई क्रिकेट में उनका योगदान और प्रभाव अतुलनीय है. उनका निधन क्रिकेट जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है."


