'भारत का खून बहाने के लिए नहीं है', ऑपरेशन सिंदूर के बाद यूपी में बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों का समर्थन किया, पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर द्वारा कड़ा संदेश दिया. उन्होंने नक्सलवाद में 53% गिरावट और 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद मुक्त भारत का वादा किया. साथ ही, शाह ने आतंकवाद विरोधी अभियानों की सफलता पर चर्चा की.

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को लेकर कई महत्वपूर्ण बयान दिए. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को यह संदेश दिया गया है कि भारत का खून बहाने की कोई आवश्यकता नहीं है. शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी ऐसी कोशिश करेगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी.
कांग्रेस पर हमला
अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर भी तंज कसते हुए कहा कि यूपीए सरकार के दौरान आतंकवादी हमले लगातार होते थे, जैसे अहमदाबाद, जयपुर, कोयंबटूर, दिल्ली और कश्मीर में. उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में पाकिस्तान ने भारत पर तीन बार हमला करने की कोशिश की.
शाह ने कहा, "जब पाकिस्तान ने उरी में हमला किया, तो भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की. पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक की गई और पहलगाम में ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया गया. पीएम मोदी ने देश को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत का खून बहाने का कोई अधिकार नहीं है और जो भी इसे करने की कोशिश करेगा, उसे सजा दी जाएगी."
नक्सलवाद पर कड़ा रुख
अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 से पहले देश में 11 राज्य नक्सल प्रभावित थे, लेकिन अब यह घटकर सिर्फ 3 जिलों तक सीमित रह गया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि 31 मार्च 2026 तक भारत नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा. शाह ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के 11 वर्षों में देश को सुरक्षित किया गया है और नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए हमने निर्णायक कदम उठाए हैं."
ऑपरेशन सिंदूर
अमित शाह ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. इस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस ऑपरेशन के दौरान 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनका संबंध प्रमुख आतंकी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से था.
नक्सली हिंसा में कमी
शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ चल रही कार्रवाई को भी सराहा. उन्होंने बताया कि 2014 से 2024 तक नक्सली हिंसा में 53 प्रतिशत की गिरावट आई है. 2004 से 2014 के बीच 16,463 नक्सली हिंसा की घटनाएं हुईं, जबकि 2014 से 2024 तक यह संख्या घटकर 7,744 रह गई. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, सुरक्षा बलों के आतंकवाद विरोधी अभियानों और रणनीतिक नीतियों की सफलता के कारण नक्सलवाद पर नियंत्रण पाया गया है.
छत्तीसगढ़ में कार्रवाई
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ और अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे ऑपरेशनों का भी जिक्र किया. हाल के महीनों में सुरक्षा बलों द्वारा कई बड़े नक्सली नेताओं को मार गिराया गया है. 21 मई को बोटेर गांव के जंगलों में मुठभेड़ के दौरान 27 नक्सली मारे गए. इससे पहले सीपीआई (माओवादी) के महासचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य बसवराजू उर्फ गगनन्ना और अन्य प्रमुख नक्सली नेताओं को भी सुरक्षा बलों ने मौत के घाट उतार दिया था.


