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62 साल बाद सच हुई वो बात...सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने पर उनकी मां ने किया चौंकाने वाला खुलासा

NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए हैं. उनका नाम उनकी मां ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन से प्रेरित होकर रखा था. 62 साल पहले बोली गई बात अब सच हुई, जिससे परिवार में खुशी की लहर है. राधाकृष्णन ने विपक्ष के बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर निर्णायक जीत हासिल की और अब राज्यसभा के सभापति के रूप में नई जिम्मेदारी निभाएंगे.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

CP Radhakrishnan Vice President : भारत ने अपने 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में एक ऐसे नेता को चुना है, जिसका नाम उनके जन्म के समय ही इतिहास से जोड़ दिया गया था. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्षी INDIA गठबंधन के उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर इस महत्वपूर्ण पद पर विजय प्राप्त की है. इस ऐतिहासिक जीत ने न सिर्फ़ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई, बल्कि राधाकृष्णन के परिवार के लिए भी यह एक बेहद भावुक क्षण बन गया.

माँ ने रखा था नाम राष्ट्रपति राधाकृष्णन के नाम पर

सीपी राधाकृष्णन की माँ, जानकी अम्मल, जो स्वयं एक शिक्षिका रही हैं, ने अपने बेटे का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर रखा था. जब राधाकृष्णन का जन्म हुआ, उस समय डॉ. राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति थे और उनके शिक्षण कार्यों व मूल्यों से जानकी अम्मल बेहद प्रभावित थीं. यही नहीं, उनके पति ने उस समय हल्के-फुल्के अंदाज़ में पूछा था कि क्या वे चाहती हैं कि उनका बेटा भी एक दिन राष्ट्रपति बने? और अब, 62 साल बाद, उनकी कही बात सच होती दिखाई दी यद्यपि राष्ट्रपति नहीं, लेकिन देश के उपराष्ट्रपति बनकर राधाकृष्णन ने परिवार का सपना साकार किया.

चुनाव में निर्णायक जीत, विपक्ष से भी मिला समर्थन
उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को निर्णायक बहुमत मिला. उन्हें 452 प्रथम वरीयता के वोट प्राप्त हुए, जबकि इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. इस तरह राधाकृष्णन ने 152 मतों से जीत दर्ज की. उल्लेखनीय बात यह रही कि उन्हें केवल एनडीए सांसदों का ही नहीं, बल्कि विपक्ष के कुछ वर्गों का समर्थन भी मिला, जिससे यह चुनाव और भी दिलचस्प बन गया.

परिवार में खुशी की लहर, भाई ने जताया गर्व
सीपी राधाकृष्णन की जीत से उनके परिवार में गर्व और खुशी का माहौल है. उनके भाई सीपी कुमारेश ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी गौरव का क्षण है. उन्होंने विश्वास जताया कि राधाकृष्णन राज्यसभा के संचालन की जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और दक्षता से निभाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास को पूरी तरह कायम रखेंगे.

राजनीतिक अनुभव और संतुलित छवि
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक अनुभव और संयमित सार्वजनिक छवि उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है. वे पहले से ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं और उनकी कार्यशैली में संतुलन, संवाद और नेतृत्व के गुण स्पष्ट रूप से देखे जाते हैं. उपराष्ट्रपति पद, जो राज्यसभा के सभापति की भूमिका भी निभाता है, उसके लिए ऐसे गुणों का होना अनिवार्य है.

एक नाम, एक सपना, और अब हकीकत
सीपी राधाकृष्णन की यह जीत केवल एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि एक भावनात्मक कहानी भी है एक माँ की सोच, एक शिक्षक की प्रेरणा, और एक बेटे की मेहनत. यह घटना यह भी दर्शाती है कि समय, संयोग और संकल्प मिलकर कैसे किसी नाम को वास्तविकता में बदल सकते हैं. अब पूरा देश उन्हें उपराष्ट्रपति के रूप में एक नई भूमिका में देखेगा, जहाँ उनसे उम्मीद की जाती है कि वे न केवल संसद के ऊपरी सदन को सुचारु रूप से चलाएंगे, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी मजबूती देंगे.

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10 September 2025, 04:11 PM IST

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