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बहराइच में दिल दहला देने वाली घटना, 2 किशोरों की हत्या के बाद युवक ने पूरे परिवार के साथ की आत्मदाह

Gonda Family Murder Case : गोंडा जिले के निंदूरपुरवा गांव में विजय कुमार ने दो किशोरों की हत्या कर अपनी पत्नी और दो बेटियों समेत खुद को कमरे में बंद कर आग लगा ली, जिससे छह लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. किशन नाम का तीसरा किशोर बाल-बाल बचा. घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है. पुलिस, फोरेंसिक टीम और प्रशासनिक अधिकारी जांच में जुटे हैं और घटना के पीछे के कारणों की तलाश जारी है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Gonda Family Murder Case : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रामगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत टेपरहा के निंदूरपुरवा गांव में एक ऐसी दर्दनाक और भयावह घटना सामने आई है जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है. बुधवार सुबह एक व्यक्ति विजय कुमार ने पहले दो किशोरों की निर्मम हत्या कर दी और फिर खुद को अपनी पत्नी और दो मासूम बेटियों के साथ कमरे में बंद कर आग लगा ली. इस भयावह घटना में कुल छह लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे गांव में मातम और दहशत का माहौल है.

मामूली बात पर भड़का गुस्सा बना जानलेवा

आपको बता दें कि घटना की शुरुआत उस समय हुई जब विजय कुमार ने गांव के तीन किशोरों को 12 वर्षीय सूरज यादव, 13 वर्षीय शनि वर्मा और 15 वर्षीय किशन को अपने घर बुलाया. वह खेती-बाड़ी और पशुपालन से जुड़ा व्यक्ति था और उस दिन उसने किशोरों को लहसुन छीलने के लिए बुलाया था. कुछ देर बाद विजय ने किशन को खेत में डाल काटने भेज दिया. जब बाकी दोनों किशोर सूरज और शनि ने घर लौटने की इच्छा जताई तो विजय गुस्से में आ गया और धारदार हथियार से दोनों की हत्या कर दी. 

पत्नी और बेटियों के साथ कमरे में कैद, फिर लगा दी आग 
इस दोहरे हत्याकांड के बाद विजय का वहशीपन यहीं नहीं रुका. उसने अपनी पत्नी और दो बच्चियों छह वर्षीय छोटकी और आठ वर्षीय प्रेरणा को घर के भीतर एक कमरे में बंद कर दिया और उस कमरे में आग लगा दी. कुछ ही देर में घर से धुआं और आग की लपटें उठने लगीं, जिसे देखकर गांव में हड़कंप मच गया. बड़ी संख्या में ग्रामीण दौड़कर उसके घर पहुंचे, लेकिन तब तक आग ने पूरे घर को घेर लिया था और अंदर मौजूद लोगों को बचाने का कोई रास्ता नहीं बचा.

कड़ी मशक्कत के बाद उजागर हुआ दर्दनाक दृश्य
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और दमकल विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची. घंटों की मशक्कत के बाद जब आग पर काबू पाया गया, तो जो दृश्य सामने आया वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था. घर के आंगन में दो किशोरों के खून से लथपथ शव पड़े थे, जबकि अंदर के कमरे में विजय, उसकी पत्नी और दोनों बेटियों के अधजले शव बरामद हुए. किशन, जिसे पहले ही खेत भेज दिया गया था, इस नरसंहार से बाल-बाल बच गया और उसने ही पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी.

मौके पर पहुंचे आला अधिकारी 
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक आरएन सिंह, एसडीएम सदर पूजा चौधरी, एएसपी ग्रामीण डीपी तिवारी, सीओ डीके श्रीवास्तव और रामगांव थाने के प्रभारी मदनलाल मौके पर पहुंचे. फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए और घर की बारीकी से जांच की. देवीपाटन मंडल के आईजी अमित पाठक ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और पुलिस को गहन जांच के निर्देश दिए.

दहशत में डूबा गांव, घटना के पीछे के कारणों की तलाश
इस वीभत्स घटना के बाद पूरे निंदूरपुरवा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. चार थानों की पुलिस और दो पीएसी कंपनियों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके. पुलिस अभी तक इस कांड के पीछे के असली कारणों तक नहीं पहुंच सकी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पारिवारिक कलह, मानसिक असंतुलन या अचानक उपजे आक्रोश को संभावित वजह माना जा रहा है.

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01 October 2025, 04:36 PM IST

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