बैंक के अंदर मिली मैनेजर की लाश, वर्कलोड से परेशान हो किया सुसाइड
पुणे के बारामती में बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर ने गुरुवार रात बैंक परिसर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक शिवशंकर मित्रा नोटिस पीरियड पर चल रहे थे. उन्होंने सुसाइड नोट में अत्यधिक काम के दबाव को इस कदम की वजह बताया है.

Bank Manager Suicide: महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती शहर में बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बैंक परिसर में आत्महत्या कर ली. मृतक शिवशंकर मित्रा बैंक के चीफ मैनेजर थे. उन्होंने खुदकुशी से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने अत्यधिक काम के दबाव को आत्महत्या की वजह बताया है. यह घटना गुरुवार देर रात की है, जिसने स्थानीय बैंकिंग जगत को झकझोर कर रख दिया है.
शिवशंकर मित्रा ने हाल ही में 11 जुलाई को अपने स्वास्थ्य और काम के तनाव का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था और वे नोटिस पीरियड पर चल रहे थे. इस बीच उन्होंने यह दुखद कदम उठा लिया. उनकी पत्नी जब देर रात उन्हें खोजते हुए बैंक पहुंची, तब जाकर घटना का खुलासा हुआ.
बैंक स्टाफ को भेजा घर
पुलिस के मुताबिक, गुरुवार की शाम बैंक का कामकाज समाप्त होने के बाद शिवशंकर मित्रा ने सभी कर्मचारियों को घर भेज दिया और कहा कि वे शाखा को खुद बंद कर देंगे. चौकीदार भी रात 9:30 बजे चला गया. इससे पहले, मित्रा ने एक सहयोगी से रस्सी मंगवाई थी. पुलिस ने बताया कि रात लगभग 10 बजे उन्होंने उसी रस्सी से फांसी लगा ली. यह पूरी घटना बैंक की सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई.
पत्नी की चिंता से खुला राज
जब मित्रा देर रात तक घर नहीं लौटे और न ही फोन का जवाब दिया, तो उनकी पत्नी चिंतित होकर बैंक पहुंचीं. उन्होंने देखा कि अंदर की लाइट जल रही है लेकिन दरवाजा बंद था. जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने अन्य बैंक स्टाफ को बुलाया और दरवाजा खुलवाया. अंदर जाने पर मित्रा को छत से लटका पाया गया.
सुसाइड नोट में काम के दबाव का जिक्र
बारामती सिटी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर विलास नाले ने बताया कि मित्रा की पैंट की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है. इस नोट में उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा है कि वे अत्यधिक वर्क प्रेशर के चलते आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने यह भी अपील की कि उनके किसी भी सहयोगी पर कोई दबाव न डाला जाए और यह भी साफ किया कि उनके इस कदम के पीछे परिवार का कोई दोष नहीं है.
वर्क प्रेशर बना आत्महत्या की वजह
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि कार्यस्थल पर बढ़ता तनाव किस हद तक किसी की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है. बैंकिंग सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों पर लगातार काम का दबाव और लक्ष्य पूरे करने की दौड़, कई बार जानलेवा साबित हो रही है.


