राज ठाकरे और शरद पवार को तगड़ा झटका, कई करीबी नेता शिवसेना में शामिल
ठाणे के आनंदाश्रम में MNS और NCP (शरद पवार गुट) के कई प्रमुख नेताओं ने शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थाम लिया. रक्षाबंधन के मौके पर हुए इस प्रवेश से शिंदे गुट की कल्याण-डोंबिवली-अंबरनाथ क्षेत्र में संगठनात्मक पकड़ और मजबूत हुई है.

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है खासकर आगामी बीएमसी चुनावों को लेकर. राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं और इसी कड़ी में ठाणे के आनंदाश्रम में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया, जहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद पवार गुट से जुड़े कई वरिष्ठ नेता शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए.
यह आयोजन 9 अगस्त को सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में हुआ, जिसमें कल्याण, डोंबिवली और अंबरनाथ क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक चेहरे शामिल थे. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक ट्वीट के माध्यम से इन नेताओं के पार्टी में शामिल होने की पुष्टि करते हुए उनका स्वागत किया.
मनसे से आए कई प्रभावशाली नेता
शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल होने वाले MNS नेताओं में नगर अध्यक्ष और पूर्व नगरसेवक कुणाल भोईर, जिला संगठनकर्ता संदीप लकड़े, नगर संगठनकर्ता स्वप्नील बागुल और पूर्व नगरसेविका अपर्णा कुणाल भोईर प्रमुख हैं. इनके साथ-साथ विभागीय अध्यक्ष चंद्रकांत चौघुले, महेश सावंत, प्रशांत भोईर और कई उपविभागीय व शाखा प्रमुखों ने भी पार्टी की सदस्यता ली.
एनसीपी (शरद पवार गुट) से भी नेताओं का शिवसेना में प्रवेश
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से भी कई प्रमुख नेता शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हुए. इनमें कल्याण पश्चिम के नेता उमेश बोरगांवकर, महिला वार्ड प्रमुख उषा गोरे, गोरख साबळे, टिटवाला के उपशहर प्रमुख श्रीधर खिस्मतराव, शाखा प्रमुख ज्ञानेश्वर मढवी और उपविभाग प्रमुख प्रशांत मोहिते शामिल रहे. उन्होंने अपने समर्थकों और महिला आघाड़ी की टीम के साथ पार्टी में प्रवेश किया.
रक्षाबंधन पर सियासी संदेश
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हुए इस सामूहिक पार्टी प्रवेश कार्यक्रम में माताओं और बहनों ने सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को राखी बांधकर अपना स्नेह और समर्थन जताया. कार्यक्रम में सांसद नरेश म्हस्के, विधायक विश्वनाथ भोईर, जिला प्रमुख गोपाल लांडगे सहित अन्य कई स्थानीय प्रतिनिधि और महिला आघाड़ी की कार्यकर्ता मौजूद रहीं.
यह घटनाक्रम आगामी स्थानीय चुनावों से पहले शिवसेना (शिंदे गुट) की संगठनात्मक ताकत को बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है. कल्याण-डोंबिवली-अंबरनाथ बेल्ट में पार्टी की पकड़ मजबूत होती नजर आ रही है.


