बिहार के मौलवी का बेटा यूपी में बना पुजारी, मेरठ के मंदिर में कृष्ण बनकर रह रहा था कासिम
मेरठ का एक प्राचीन शिव मंदिर, जो लंबे समय से पुजारी के बिना सूना पड़ा था, कुछ समय पहले चर्चा का केंद्र बन गया. एक दिन, एक युवक गांव में आया और खुद को दिल्ली का रहने वाला कृष्ण पुत्र संतोष बताकर मंदिर में रहने की इजाजत मांगी. ग्रामीणों को उसकी बातों में सच्चाई लगी और उन्होंने उसे खुशी-खुशी अनुमति दे दी. लेकिन उसका असली नाम मोहम्मद कासिम है और उसके पिता बिहार में मौलवी हैं.

Meerut Temple Fraud: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां बिहार के एक मौलवी का बेटा मोहम्मद कासिम खुद को भगवान कृष्ण बताकर एक मंदिर में रह रहा था. उसने एक साल तक अपनी असली पहचान छिपाकर मंदिर में पूजा-पाठ की गतिविधियों में भाग लिया और स्थानीय लोगों का विश्वास भी जीता. लेकिन, उसकी असलियत तब उजागर हुई जब कुछ लोगो को उसके व्यवहार पर शक हुआ और लोगों ने उसकी पहचान जानने पर अडिग हो गए. और इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है. यह घटना मेरठ के दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव में स्थित एक पुराने शिव मंदिर की है. युवक ने मंदिर में रहने की अनुमति मांगते हुए खुद को कृष्ण पुत्र संतोष बताते हुए ग्रामीणों से सहमति प्राप्त की थी. लेकिन कुछ समय बाद, जब ग्रामीणों को उसकी पहचान और व्यवहार पर शक हुआ, तो उन्होंने पूछताछ की और धीरे-धीरे उसका असली चेहरा सामने आ गया.
मंदिर में घुसने की कहानी
दादरी गांव में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर काफी समय से बिना पुजारी के था. एक साल पहले, एक युवक गांव में आया और खुद को कृष्ण पुत्र संतोष बताते हुए मंदिर में रहने की अनुमति मांगी. चूंकि मंदिर की देखरेख के लिए कोई नहीं था, ग्रामीणों ने उसे रहने की अनुमति दे दी. इस युवक ने न केवल मंदिर में पूजा-पाठ शुरू किया, बल्कि हवन, प्रसाद वितरण और ज्योतिष से जुड़े धार्मिक कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाई. इसके बाद, गांव के लोग उसे धीरे-धीरे धर्मगुरु मानने लगे और उसकी उपस्थिति को स्वीकार कर लिया.
पहचान पर उठे सवाल
कुछ समय बाद, गांव के कुछ ग्रामीणों को युवक के व्यवहार और भाषा में कुछ असामान्यताएं दिखाई देने लगीं. जब उन्होंने युवक से उसकी पहचान पत्र की मांग की, तो वह टालमटोल करने लगा और आधार कार्ड लाने के बहाने 15 दिन के लिए गायब हो गया. इस पर ग्रामीणों का संदेह और गहरा गया. कुछ दिनों बाद, युवक अचानक मंदिर में वापस आकर रहने लगा. इसी दौरान, एक भंडारे के आयोजन में युवक मंदिर के कमरे से कुछ सामान निकालने लगा, जिसे देखकर ग्रामीणों को और शक हुआ. इसके बाद, ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सूचित किया.
पुलिस जांच में खुलासा
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक से सख्ती से पूछताछ की. पहले तो युवक ने खुद को कृष्ण पुत्र संतोष बताया, लेकिन बाद में उसने अपनी असली पहचान बताया. युवक ने स्वीकार किया कि उसका नाम मोहम्मद कासिम है और वह बिहार का रहने वाला है. कासिम ने यह भी बताया कि उसके पिता का नाम अब्बास है और वह बिहार में मौलवी हैं. पुलिस के मुताबिक, कासिम कई महीनों से मंदिर में रह रहा था और मंदिर के दान-पुण्य का पैसे भी अपने व्यक्तिगत उपयोग में लाता था. पुलिस ने बताया कि कासिम के खिलाफ धार्मिक पहचान छिपाकर आस्था से खिलवाड़ करने और दान राशि के गलत इस्तेमाल के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है. आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
पुलिस ने आरोपी के दावों की पुष्टि करने के लिए बिहार पुलिस से संपर्क किया है और उसकी निवास की जांच की जा रही है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह कोई सुनियोजित साजिश थी या फिर व्यक्तिगत लाभ के लिए धोखाधड़ी की गई. एसपी सिटी मेरठ, आयुष विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया है कि अगर इस मामले में कोई और व्यक्ति संलिप्त पाया गया या यदि कोई संगठित प्रयास सामने आता है, तो उस दिशा में भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


