score Card

पहले कहा मैदान में उतरेंगे, अब बोले- नहीं लड़ूंगा चुनाव, चिराग पासवान का बदला स्वर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है, लेकिन इसी बीच चिराग पासवान ने एक बड़ा यू-टर्न ले लिया है. अब तक खुद चुनाव लड़ने का संकेत देने वाले चिराग ने साफ कर दिया है कि वह बिहार से चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनके इस फैसले ने सियासी गलियारों में नई हलचल मचा दी है और कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'हनुमान' बताने वाले और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. जहां अब तक वे खुद चुनाव लड़ने की बात कर रहे थे, वहीं अब उन्होंने साफ कर दिया है कि वो बिहार से चुनाव नहीं लड़ेंगे.

राजगीर में आयोजित एक रैली में चिराग पासवान ने अपने रुख में अचानक बदलाव करते हुए कहा कि वह बिहार से चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे, बल्कि गठबंधन के तहत उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे. इस घोषणा के साथ ही बिहार की राजनीति में एक नया सस्पेंस खड़ा हो गया है. सवाल उठने लगा है कि आखिर चिराग पासवान क्यों बैकफुट पर आ गए?

मैं बिहार से चुनाव नहीं लड़ूंगा- चिराग पासवान

राजगीर में हुए ‘बहुजन भीम संकल्प समागम’ में चिराग पासवान ने कहा कि न मैं टूटने वाला हूं, न मैं झुकने वाला हूं. डरता तो भैया मैं किसी से नहीं. मैं चुनाव लडूंगा, लेकिन बिहार से चुनाव नहीं लडूंगा. मैं बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा. उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर जाकर पार्टी उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे.

चिराग पासवान की रणनीति

चिराग पासवान ने साफ किया कि उनकी पार्टी गठबंधन के तहत आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी और सभी 243 सीटों के लिए रणनीति बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि मैं बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के लिए चुनाव लडूंगा. NDA गठबंधन के साथ मिलकर मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा.

नीतीश कुमार पर तीखा हमला

रैली के दौरान चिराग ने विपक्षी नेता तेजस्वी यादव पर तो निशाना साधा ही, साथ ही इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोला. कहा जा रहा है कि चिराग के चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बाद ही नीतीश कुमार की बेचैनी बढ़ी थी. चिराग के इस यू-टर्न को नीतीश पर राजनीतिक दबाव बनाने के हथकंडे के तौर पर भी देखा जा रहा है.

क्या था चुनाव लड़ने का पहला संकेत?

कुछ समय पहले ही चिराग पासवान ने खुले मंच से इशारा किया था कि वे खुद बिहार से चुनाव लड़ सकते हैं. इसके बाद भाजपा की कई बैठकों में यह मुद्दा गरमाया और नीतीश कुमार की नाराजगी की भी खबरें सामने आई थीं. एनडीए के अंदरखाने की खींचतान में चिराग का ये फैसला बहुत अहम माना जा रहा है.

चिराग पासवान की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान बीते कुछ समय से बिहार में लगातार रैलियां और सभाएं कर रहे हैं. उनकी गतिविधियों को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वे बिहार चुनाव में खुद को बड़ी भूमिका में लाना चाहते हैं, लेकिन अब उनके यू-टर्न से सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं.

मोदी के ‘हनुमान’ की रणनीति में बदलाव?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति वफादारी जताने वाले चिराग पासवान अक्सर खुद को उनका ‘हनुमान’ कहते हैं. ऐसे में बिहार चुनाव को लेकर उनका ये अचानक बदला फैसला कई सवालों को जन्म देता है. क्या यह सिर्फ रणनीति है या फिर एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता?

अब आगे क्या?

अब जबकि चिराग पासवान ने खुद को चुनावी मैदान से पीछे खींच लिया है, तो सभी की निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि लोजपा (रामविलास) से किन चेहरों को NDA मैदान में उतारेगा और क्या यह कदम पार्टी को फायदा पहुंचाएगा या नुकसान?

calender
30 June 2025, 12:06 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag